दर्दनाक हादसा: माता के दर्शन के लिए जा रहे 50 श्रद्धालुओं की मौत, बच्चे और महिलाओं की हुई हैं अधिकतर मौत…

ढाका: 50 Devotees Dies in Accident पश्चिमोत्तर बांग्लादेश के सदियों पुराने मंदिर में हिंदू श्रद्धालुओं को ले जा रही एक नौका रविवार को पलट गई, इसके बाद सोमवार तक हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है, जिनमें अधिकतर बच्चे और महिलाएं हैं। प्राधिकारियों ने यह जानकारी दी।



 

 

आपको बता दें कि रविवार को दुर्गा पूजा उत्सव से पूर्व महालया के मौके पर हिंदू श्रद्धालु बोदेश्वरी मंदिर की ओर जा रहे थे, तभी देश के उत्तर-पश्चिमी पंचगढ़ जिले में कोरोटो नदी में, उन्हें ले जा रही नौका पलट गई।

 

 

 

स्थानीय थाना प्रभारी अधिकारी सुजॉय कुमार के मुताबिक, अधिकारियों ने 25 और लोगों के शव बरामद किए हैं, जिससे इस घटना में जान गंवाने वालों की संख्या 50 हो गई है। इनमें 13 बच्चे, 25 महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं। कुमार ने कहा, दिनाजपुर में एक नदी में कुछ शव मिले। नदी के तेज बहाव के कारण शवों के पास की सहायक नदियों में बहने की आंशका है। पुलिस और दमकल विभाग इसी को ध्यान में रखते हुए अपना बचाव अभियान चला रहे हैं।

 

 

 

 

पंचगढ़ के अतिरिक्त उपायुक्त (राजस्व) दीपांकर रॉय ने कहा कि बरामद किए गए शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है। रॉय, जिला प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति का नेतृत्व कर रहे हैं। मीडिया की खबरों में यात्रियों के रिश्तेदारों के हवाले से कहा गया है कि लगभग 58 यात्री लापता हैं, जबकि अधिकारियों ने पहले कहा था कि नाव में 80 यात्री सवार थे।

 

 

 

प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि नाव में 150 से अधिक यात्री सवार थे। कुछ लोग तैरकर नदी के किनारे वापस चले गये, लेकिन कई अभी भी लापता हैं।

 

 

 

 

शुरुआती जांच के मुताबिक, नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नाव के डूबने के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं, लेकिन इसका खुलासा समिति द्वारा अपनी जांच पूरी करने के बाद किया जाएगा।” उप-जिले के प्रशासनिक प्रमुख सोलेमान अली ने कहा, ”नाविक ने कुछ लोगों को, नाव में वजन कम करने के लिए उतरने को कहा था, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।

 

 

 

”रॉय ने कहा कि पंचगढ़ में दमकल सेवा तलाशी अभियान का नेतृत्व कर रही है। दमकल के अधिकारियों ने कहा, कम से कम 34 लोग अभी भी लापता हैं। हालांकि, परिजन इलाके में नदी के किनारे कतारों में खड़े हो कर बेसब्री से उनके प्रियजनों के शव पानी से निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं।

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