Mulayam Singh: बच्‍चों के फेवरेट टीचर हुआ करते थे मुलायम सर, करहल के इस कॉलेज में पढ़ाते थे ‘नेताजी’

उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव अब इस दुनिया में नहीं रहे. ब्‍लड प्रेशर और सांस लेने में तकलीफ के चलते उनकी त‍बीयत लंबे समय से नाजुक थी, जिसके बाद आज, 10 अक्टूबर को उन्होंने 82 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. गुरुग्राम के मेदांता अस्‍पताल में मुलायम सिंह यादव का निधन हुआ. वह 3 बार उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री रह चुके थे. उनके निधन पर राज्‍य में 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.



बचपन में था पहलवानी का शौक

मुलायम सिंह का जन्‍म 22 नवंबर, 1939 को यूपी के इटावा में हुआ था. बचपन में उनके पिता सुघर सिंह उन्‍हें पहलवान बनाना चाहते थे. उन्‍हें पहलवानी का काफी शौक भी रहा. उनके स्‍कूल शिक्षक उदय प्रताप सिंह को उनका पहलवानी पर ज्‍यादा ध्‍यान देना पसंद नहीं था और वे उन्‍हें लगातार पढ़ाई की ओर ध्‍यान देने के लिए प्रेरित करते थे. उन्‍होंने इटावा, फतेहाबाद और आगरा से अपनी पढ़ाई की.

एक कॉलेज से रहा लगाव

उन्‍होंने 1955 में मैनपुरी के करहल स्थित जैन इंटर कॉलेज में दाखिला लिया और 1959 में यहीं से अपनी BT (बैचलर ऑफ टीचिंग) की डिग्री ली. वर्ष 1963 में वे इसी कॉलेज में असिस्‍टेंट टीचर के तौर पर पढ़ाने लगे. वे हाईस्‍कूल में हिंदी और इंटर में सामाजिक विज्ञान पढ़ाया करते थे. जानकारी के अनुसार, उस समय वह 120 रुपये महीने की सैलरी पर पढ़ाते थे. पॉलिटिकल साइंस (राजनीतिक शास्त्र) में उन्होंने MA की डिग्री आगरा विश्वविद्यालय से ली.

बच्‍चों के फेवरेट थे मुलायम सर

बताया जाता है कि मुलायम सिंह का पढ़ाने का तरीका एकदम अलग था. बच्‍चों को उनके पढ़ाने का तरीका बेहद पसंद था. अपने मस्‍त अंदाज के कारण वे कभी बच्‍चों से सख्‍त नहीं होते थे. कुछ वर्ष पढ़ाने के बाद वह राजनीति में कूदे और 1967 में पहली बार यूपी के जसवंत नगर से विधायक बने. वे 8 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए. वह 1996 से 1998 तक देश के रक्षामंत्री भी रहे.

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