Indian Army Ranks and Posts: इंडियन आर्मी में कितनी रैंक और कौन-कौन से पद होते हैं? जानने के लिए पढ़िए..

नई दिल्ली: Indian Army Ranks and Posts: इंडियन आर्मी का नाम सुनते ही हर भारतीय के अंदर गर्व की भावना उत्पन्न होने लगती है. बहुत से लोग इंडियन आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते हैं. आज हम इंडियन आर्मी में पद और रैंक की पूरी जानकारी इस आर्टिकल में देंगे. बता दें भारतीय सेना को दुनिया की टॉप फाइव सेना में से एक गिना जाता है. भारतीय सेना में 16 रैंक होती है, इन रैंको को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. जोकि निम्न प्रकार है-



 

 

 

1.कमिश्नर ऑफिसर 2.जूनियर कमिशनर ऑफिसर 3.नॉन कमिश्नर ऑफिसर

 

 

कमिश्नर ऑफिसर

फील्ड मार्शलइस रैंक में सबसे पहली पोस्ट फील्ड मार्शल की होती है. जो इंडियन आर्मी की सबसे ऊंची पांच स्टार वाली रैंक है. यह सैरीमोनियल और ओवरटाइम रैंक होती है, यह पद आर्मी का सर्वोच्च पद होता है. इसकी पहचान राष्ट्रीय चिन्ह और क्रॉस बटन पर खिलते कमल की माला में तलवार से की जाती है.

 

 

जनरलआर्मी में फील्ड मार्शल के बाद जनरल रैंक आती है. वैसे तो फील्ड मार्शल रैंक इंडियन आर्मी की सर्वोच्च रैंक है, लेकिन आर्मी के रेगुलर स्ट्रक्चर में फील्ड मार्शल का प्रयोग न होने की वजह से ही इस रैंक को इंडियन आर्मी का सर्वोच्च पद माना जाता है. यह रैंक चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ को मिलती है.

 

 

 

मेजर जनरलइंडियन आर्मी में मेजर जनरल तीसरी सबसे ऊंची रैंक है. मेजर जनरल पद का प्रमोशन सलेक्शन के जरिये होता है. इसके लिए 32 सालों की कमिशन्ड सर्विस का होना जरूरी है. बता दें इस रैंक की पहचान लाल रंग की आउट लाइन के साथ सुनहरे रंग का एक स्टार और तलवार होती है.

 

 

 

ब्रिगेडियरइंडियन आर्मी में ब्रिगेडियर चौथी ऊंची रैंक है. ब्रिगेडियर पोस्ट का प्रमोशन भी सेलेक्शन से मिलता है. जिसके लिए 25 सालों की कमिशन्ड सर्विस का भी होना जरूरी है. इस रैंक की पहचान सुनहरे रंग का राष्ट्रीय चिन्ह और त्रिकोण गठन में तीन स्टार है.

 

 

 

कर्नलकर्नल एक सीनियर कमिशन्ड ऑफिसर टाइप की रैंक होती है. इंडियन आर्मी में रेजिमेंट के इंचार्ज कर्नल होते हैं. देखा जाए तो कर्नल हाइएस्ट और सेकंड हाइएस्ट फील्ड रैंक है. कर्नल रैंक की पहचान सुनहरे रंग का राष्ट्रीय चिन्ह और दो स्टार से होती है.

 

 

 

लेफ्टिनेंट कर्नललेफ्टिनेंट कर्नल किसी भी कमिशन्ड ऑफिसर के सीनियर होने की पहली सीढ़ी होती है, जो 13 साल की कमिशन्ड सर्विस पूरी करने के बाद ऑफिसर को इस रैंक के लिए प्रमोट किया जाता है. इसकी पहचान सुनहरे रंग का राष्ट्रीय चिन्ह और एक स्टार है.

 

 

 

 

मेजरइंडियन आर्मी में मेजर 7वीं उच्च स्तर की रैंक है. किसी भी आर्मी ऑफिसर के लिए यह बहुत ही अहम रैंक मानी जाती है. 6 सालों की सर्विस के बाद भारतीय सेना के जवान को इस पद पर प्रमोट किया जाता है. इसकी पहचान सुनहरे रंग का राष्ट्रीय चिन्ह है.

 

 

 

कैप्टनइंडियन आर्मी में कमीशन्ड होने के बाद आगे बढ़ने के लिए दूसरा पड़ाव कैप्टन है. कमीशंड होने के 2 साल की सर्विस के बाद समय सीमा के आधार पर यह पोस्ट दी जाती है. इसकी पहचान सुनहरे रंग के तीन स्टार है.

 

 

 

 

लेफ्टिनेंटकमीशंड होने के बाद भारतीय सेना में मिलने वाली पहली रैंक लेफ्टिनेंट है. लेफ्टिनेंट रैंक की पहचान सुनहरे रंग के दो स्टार से की जाती है.

 

 

 

 

जूनियर कमीशंड रैंक

सूबेदार मेजरजूनियर कमीशंड रैंक में सबसे ऊंची की रैंक सूबेदार मेजर की होती है. सबेदार मेजर रैंक को JCO की आखिरी सीढ़ी भी कह सकते है. बता दें सूबेदार मेजर 34 सालों की सर्विस के बाद रिटायर हो जाते हैं.

 

 

सूबेदारइंडियन आर्मी में सूबेदार एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर होता है. हर बटालियन में कई सूबेदार होते हैं, 30 वर्षों की सर्विस के बाद JCO के पद पर सूबेदार की रैंक संभालने वाला सैनिक रिटायर हो जाता है.

 

 

 

नायब सूबेदारनायब रैंक सूबेदार JCO रैंक की पहली सीढ़ी होती है. इस रैंक की पहचान सुनहरे रंग के एक स्टार के साथ लाल और पीले रंग की पट्टी के साथ होती है.

 

 

 

नॉन कमिश्नर ऑफिसर

हवालदार नायकसिपाहियों के प्रमोशन के आधार पर इसका चुनाव किया जाता है. हवालदार के बैज पर 3 रैंक की पट्टी बनी होती है.

 

 

 

नायकनायक की पोस्ट हवलदार से छोटी और लांस नायक से बड़ी रैंक होती है. बता दें नायक के बैज पर 2 रैंक की पट्टी लगी होती है.

 

 

 

लांस नायकसिपाहियों के प्रमोशन होने पर वह सबसे पहले लांस नायक पद पर होते है. बता दें लांस नायक के बैज पर 1 रैंक की पट्टी होती है.

 

 

 

सिपाहीआर्मी में सिपाही की वर्दी पर कोई भी रैंक नहीं होती है, यह एक सामान्य सिपाही होता है जो रैंक वाले अधिकारियों के ऑर्डर फॉलो करता है और देश की रक्षा करता है.

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