जांजगीर-चाम्पा. दो शिक्षक के भरोसे बहेराडीह गांव के प्रायमरी स्कूल का संचालन को देख ग्रामीण अपने बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाने लगे हैं, वहीं यहाँ पर दो निजी स्कूल के खुलने से सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गया हैं। इस परिस्थिति को देखते हुए जनभागीदारी शाला प्रबंधन समिति के तत्कालीन अध्यक्ष दीनदयाल यादव और पूर्व उपसरपंच जितेंद्र कुमार यादव ने सोमवार को जनदर्शन में अपर कलेक्टर से मुलाक़ात कर कलेक्टर के नाम पर ज्ञापन सौपा है।
इस सम्बन्ध में जनभागीदारी शाला प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि बलौदा ब्लॉक अंतर्गत जाटा पंचायत के आश्रित ग्राम बहेराडीह के शासकीय प्राथमिक शाला में महज दो ही शिक्षक हैं। ऐसे में पांचो कक्षा के बच्चों को पढ़ाई करा पाना संभव नहीं है। शासन की इस तरह की लचर ब्यवस्था को देखते पालको ने अपने अधिकतर बच्चों को आसपास के निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, वहीं एक छोटे से गाँव में गुपचुप तरीके से दो निजी स्कुल की मान्यता शिक्षा विभाग ने दे दी है। जिससे यहाँ के प्रायमरी और मिडिल दोनों स्कुल बंद होने की कगार पर हैं। इस तरह की परिस्थिति को देखते हुए प्रायमरी स्कुल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक की ब्यवस्था करने की मांग को लेकर अपर कलेक्टर एस. पी. वैद्य को कलेक्टर के नाम पर ज्ञापन सौपा गया है।
ग्रामीणों ने आगे बताया कि यहाँ पर पर्याप्त शिक्षक की यदि ब्यवस्था नहीं किया जाता है। तो अगले सत्र प्रायमरी स्कुल बंद हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावा करने वाले शासन की निष्क्रियता यहाँ पर खुलकर सामने आई है। वहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को इस तरह की समस्या से कोई सरोकार नहीं हैं।