छतरपुर. बिजावर थाना क्षेत्र के गांव ललगुवां (पाली) में बोरवेल में गिरी बच्ची को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। बच्ची को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अस्पताल भेजा गया है। इससे पहले यह बच्ची खेलते समय खुले बोरवेल में गिर गई थी। बच्ची का नाम नैंसी विश्वकर्मा है, जबकि पिता का नाम रवि विश्वकर्मा और मां का नाम रोहिणी विश्वकर्मा है। नैंसी शाम पांच बजे 30 फिट गहरे बोरवेल में गिरी। उसके साथ माता-पिता खेत में कटाई करने आए थे। इसी दौरान बच्ची खेलते समय गिर गई थी।
इसके बाद एसडीएम राहुल सिलाड़िया, एसडीओपी रघु केशरी, थाना प्रभारी संदीप दीक्षित मौके पर पहुंच गए थे और रेसक्यू आपरेशन आरंभ कर दिया गया था। मौके पर जेसीबी से खुदाई आरंभ की गई। बच्ची के स्वजन भी मौके पर पहुंच गए थे। बोरवेल के अंदर बच्ची को आक्सीजन भी पहुंचाई गई। कुछ लोगों के अनुसार बच्ची 30 फीट गहराई पर फंसी थी। खुदाई कर बच्ची को निकाल लिया गया। बच्ची को सुरक्षित बचाने एनडीआरएफ की टीम भी को भी सूचित कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि तमाम समझाइश और सरकारी निर्देशों के बाद भी अनेक स्थानों पर बोरवेल खुले मिलते हैं। ऐसे ही बोरवेल खतरे को आमंत्रण देते रहते हैं।
जिला प्रशासन ने घटना स्थल के बोरवेल में बच्ची के जीवन को सुरक्षित बनाए रखने के लिए आक्सीजन की लाइन डाल दी थी। बोरवेल के आसपास पर्याप्त लाइट व्यवस्था के बीच जेसीबी मशीन एवं बचाव दल द्वारा रेस्क्यू किया गया। एसपी सचिन शर्मा का कहना था कि बच्ची को बाहर निकालने के लिए जिले के सभी संसाधन एकत्रित किए गए । सभी का प्रयास बच्ची को जल्द से जल्द निकालने का था। जेसीबी से आसपास के ऐरिया की खुदाई की गई। नैंसी की मां ने रोते हुए कहा था कि पता ही नहीं चला वह कब बोरवेल में गिर गई। घटना के वक्त वह भी बेटी की साथ थीं। दूसरे बच्चे ने आवाज देकर बताया नैंसी बोरवेल में गिर गई है। इसके बाद उन्होंने पुलिस और प्रशासन को सूचना दी। कुछ ही देर में मौके पर ग्रामीण भी एकत्रित हो गए थे। गांव के लटोरिया परिवार के खेत में रवि विश्वकर्मा और अपनी पत्नी रोहिणी के साथ काम कर रहे थे। उनके साथ और भी मजदूर थे। सभी खेत से मटर बीन रहे थे। पास ही रवि और रोहिणी की बेटी खेल रही थी। वहां एक बोरवेल था, जो चारे से ढंका हुआ था, लेकिन संभवत: ठीक से वह ढंका नहीं था। नैंसी रेत के ढेर पर खेलते-खेलते उस बोरवेल गिर गई। बोरवेल में फंसी बच्ची को बचाने के लिए प्रशासनिक अमला जुटा रहा। आधा दर्जन थानों का पुलिस बल बोरवेल के आसपास रहा। चार जेसीबी मशीन, दो एंबुलेंस और आधा दर्जन ट्रैक्टर आदि मशीनी उपकरणों से बोरवेल के आसपास खुदाई की गई।