उदयपुर.अक्सर फसलों के खराब होने का एक बड़ा कारण उसमें लगने वाले कीट होते है. लेकिन क्या आप को पता है बिना किसी रसायन के प्रयोग और कीटनाशक के उपयोग के बिना भी कीड़ों को मारा जा सकता है. जी हां आज हम आप को ऐसे ही कीड़ों द्वारा फसलों को खराब करने वाले कीड़ों को खत्म करने के बारे में बताने जा रहे है. उदयपुर के महाराणा प्रताप एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कॉलेज के कीट विज्ञान विभाग द्वारा ट्राईकोकार्ड का निर्माण किया गया है. इसमें ऐसे कीड़े के अंडे होते है जो फसलों के बरबाद करने वाले कीड़ों को मार देते है और फसलों में होने वाले नुकसान से बचाते है.
क्या है ट्राईकोकार्ड
एमपीयूएटी के कीट विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मनोज महला ने बताया की ट्राईकोकार्ड एक ऐसा कार्ड है जिस पर करीब 18 हजार से 20 हजारों परपोषी के अंडो का संग्रह होता है. जो फसलों को बरबाद करने वाले कीड़ों पर हमला कर उसे मार के स्वयं विकसित होते है. यह ट्राईकोकार्ड विश्व विद्यालय की लेब में परीक्षण कर तैयार किए जाते है. इन्हें किसानों तक विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मुफ्त भी दिया जाता है और इनकी बिक्री भी विश्व विद्यालय द्वारा की जाती है.
किस तरह से किया जाता है उपयोग
ट्राईकोकार्ड पर चिपके हुए अंडे परजीवी पर निर्भर करते है. इसका प्रयोग खेत में अलग-अलग जगह चिन्हित किया जाता है. इसके बाद ट्राईकोकार्ड की छोटी-छोटी स्ट्रिप काट कर उन्हें पौधो की पत्तियों के नीचे लगाया जाता है. जैविक प्रक्रिया के तहत यह जीव अपने आप विकसित होते है और खेतो में फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों के अंडों पर हमला कर अपने आप को विकसित करते है. इस जैविक प्रक्रिया के तहत फसलों को कोई नुकसान नहीं होता है. इसके साथ ही हानिकारक केमिकल के छिड़काव के बिना भी फसलों को बचाया जा सकता है.
यहां से खरीदे, यह रहेगी कीमत
ट्राईकोकार्ड के लिए महाराणा प्रताप एग्रीकल्चर एंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी उदयपुर में संपर्क किया जा सकता है. इसे किसानों को निःशुल्क भी वितरित किया जाता है. साथ ही अगर कोई खरीदना चाहे तो इसकी कीमत 80 रुपए रखी गई है.