जांजगीर चांपा. चांपा से लगे ग्राम सिवनी में इन दिनों श्रीमद देवी भागवत पुराण कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसमे श्रीमद् देवी भागवत कथा के व्यासपीठ से पं विजयानंद पाठक महाराज के द्वारा कथा कही जा रही है. कथा श्रवण करने के लिए सिवनी सहित आसपास के कई गांव के लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं और देवी भागवत कथा का आनंद ले रहे हैं.आपको को बता दें कि समस्त सिवनी वासियों की ओर से नवरात्रि महोत्सव के उपलक्ष्य में चल रही श्रीमद्देवी भागवत कथा के व्यास पुं विजयानंद पाठक महाराज ने महिषासुर वध के प्रसंग विस्तार से कथा सुनाए। प्रवचनों में पाठक महाराज ने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार महिषासुर एक असुर था। उसके पिता रंभ असुरों के राजा थे जो एक बार जल में रहने वाली एक भैंस से प्रेम कर बैठे और इन्हीं के योग से महिषासुर का आगमन हुआ। इसी वजह से महिषासुर इच्छानुसार जब चाहे भैंस और जब चाहे मनुष्य का रूप धारण कर सकता था।
उन्होंने बताया कि महिष का अर्थ भैंस होता है। महिषासुर ने ब्रह्माजी की तपस्या करके कई वरदान हासिल किए। इन वरदानों से वह स्वर्ग और पृथ्वी पर देवताओं और मनुष्यों को तंग करने लगा और उसने युद्ध में इंद्र को परास्त करके स्वर्ग पर कब्जा कर लिया। देवताओं ने मां दुर्गा की स्तुति करके महिषासुर से छुटकारा पाने की प्रार्थना की। देवी दुर्गा ने महिषासुर पर नौ दिनो तक दिन-रात युद्ध किया और दसवें दिन महिषासुर का वध किया। इसी उपलक्ष्य में देवी दुर्गा का त्यौहार नवरात्रि और दसवें दिन विजयादशमी मनाई जाती है। जोकि बुराई पर अच्छाई की जीत है।
कथा के दौरान कथावाचक के साथ उनकी भजन मंडली के द्वारा एक से बढ़कर एक भजन गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया इस दौरान विभिन्न प्रकार की आकर्षक झांकियां भी प्रस्तुत की गई तथा तथा के उपरांत लोगों को प्रसाद वितरण किया साथ ही भंडारा का भी आयोजन किया जा रहा है। मैं जमाने के दौर में श्रीमद देवी भागवत कथा का प्रसारण यूट्यूब से लाइव करके भी किया जा रहा है, सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोग कथा का श्रवण कर सके।