छ्त्तीसगढ़ की 36 भाजी : वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह और गोठान में लहलहा रहीं छत्तीसगढ़ की 36 भाजियां, फैक्ट्री से निकलने वाली राखड़ में सब्जी उगाने की प्रयोग रहा सफल, 12 साल से रिसर्च में लगा हुआ है युवा कृषक दीनदयाल यादव

जांजगीर-चाम्पा. देश के पहले वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह और गोठान में इस समय हमारे छत्तीसगढ़ की 36 प्रमुख भाजियां लहलहा रही है, वहीं जिले में स्थापित विभिन्न फैक्ट्रीयों से निकलने वाली राखड़ का खेती में उपयोग करके जो प्रयोग, कई फसलों में किया गया गया है, जिनका परिणाम शत प्रतिशत सफल रहा है.जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा की ओर स्थित बलौदा ब्लॉक अंतर्गत जाटा पंचायत के आश्रित ग्राम बहेराडीह के मॉडल गौठान में एक छोटी सी जगह में बिहान समूह की महिलाओ और पंचायत के सहयोग से पोषण बाड़ी विकसित किया गया है, वहीं भारत के अलग-अलग राज्यों के प्रगतिशील किसानों की मदद से वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल स्थापित किया गया है, जहां पर किसान स्कूल के परिसर में तथा पोषण बाड़ी में धान का कटोरा कहलाने वाले छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव के 43 वर्षीय युवा कृषक दीनदयाल यादव ने कई फैक्ट्री से निकलने वाली राखड़ का प्रयोग सबसे पहले धान के उत्पादन में किया. उससे सफल होने के तत्काल बाद सब्जी, फल, फूल और औषधीय फसलों के उत्पादन पर किया, जो सफल रहा है.गोठान में राखड़ पर पांच फीट ऊंचाई का उगाया धनिया



इसे भी पढ़े -  Akaltara Arrest : बरगंवा गांव से 22 लीटर महुआ शराब के साथ आरोपी गिरफ्तार, भेजा गया न्यायिक रिमांड में

प्रयोगकर्ता दीनदयाल यादव ने बताया कि इस समय गोठान पर पीआईएल चाम्पा और अटल बिहारी वाजपेयी विद्युत ताप परियोजना मड़वा तेंदुभाठा से निकलने वाली राखड़ से न सिर्फ हमारी छत्तीसगढ़ की 36 प्रमुख भाजिया उगाई गईं हैं, बल्कि इस समय पांच फीट ऊंची धनिया उगाई गई है, जिसकी सराहना हर कोई किसान कर रहें हैं. इसके उत्पादन में जैविक कल्चर जीवामृत का ज्यादातर उपयोग किया गया है.

किसान स्कूल और गोठान में अब स्थापित होगी मधुमक्खी पालन इकाई

जहां पर हमेशा विविध प्रकार की सब्जी, फल और फूल का उत्पादन हो रहा हों. ऐसे छोटे से स्थान पर बड़ी आसानी से मधुमक्खी पालन का कारोबार करके अच्छा आमदनी ले सकते हैं. किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने बताया कि यह मधुमक्खी काटने वाला प्रजाति बिल्कुल नहीं है. यह डेढ़ किलोमीटर दूर तक जाकर विभिन्न प्रकार के फूलों में बैठकर रस एकत्रित करके बॉक्स में निर्मित छत्तो पर सुरक्षित रखेंगी, जो पूर्णतः शुद्ध होती है. जिसका इस्तेमाल लोग शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, मोटापा को कम करने, घाव को ठीक करने, सर्दी, बुखार,तथा अन्य कई बीमारियों की नियंत्रण में काम आता है. हाल ही में 18 फरवरी को किसान स्कूल में कोरबा निवासी मास्टर ट्रेनर एस एस ठाकुर ने कई जिले की किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया था. पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, अमेरिका से पहुंचे दो किसान और जनप्रतिनिधियों ने इस प्रशिक्षण की जमकर तारीफ की थी और मास्टर ट्रेनर एसएस ठाकुर ने विदेशी मेहमानों को किसानों और प्रशासन की ओर से शुद्ध शहद भी भेंट किया था.

इसे भी पढ़े -  Janjgir News : मारवाड़ी युवा मंच नैला-जांजगीर की युवा धार्मिक यात्रा, श्री जगन्नाथ पुरी धाम के लिए रवाना

खेती में अब तक चार फैक्ट्री का राखड़ का प्रयोग रहा सफल
लम्बे समय से खेती में राखड़ की उपयोगिता को लेकर लगातार काम कर रहे युवा कृषक दीनदयाल यादव ने बताया कि पीआईएल चाम्पा समेत अटल बिहारी विद्युत ताप परियोजना मड़वा तेंदुभाठा, सीएसपीएल अमझर महुदा च और एनटीपीसी बालको कोरबा आदि चार फैक्ट्री की राखड़ खेती में उपयोग करके विविध प्रकार की फसलों का जबरदस्त पैदावार लिया है. इस प्रयोग से सफल होने के बाद प्रयोगकर्ता किसान ने कलेक्टर, प्रदेश और केंद्र के मुख्य सचिव से मुलाक़ात कर खेती में राखड़ की उपयोगिता को लेकर चर्चा करने का निर्णय लिया है.

इसे भी पढ़े -  जांजगीर बड़ी कार्रवाई : रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन करते 16 वाहन पकड़ाए, 1 JCB और 15 ट्रैक्टर पर हुई कार्रवाई, शिवरीनारायण, बम्हनीडीह और पंतोरा क्षेत्र में हुई कार्रवाई, खनिज अधिनियम के तहत वसूला जाएगा जुर्माना, ड्राइवरों के लाइसेंस भी होंगे निरस्त, परिवहन विभाग को भेजा जाएगा प्रकरण...

error: Content is protected !!