महंगी हो जाएगी खाने की चीजें, RBI की बैठक में लिए गये ये बड़े फैसले

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये आज अप्रत्याशित रूप से नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई के इस कदम से वाहन, मकान और अन्य ऋणों पर ब्याज दर में बढ़ोतरी के रुख पर लगाम लगेगी। नीतिगत दर नहीं बढ़ाने का निर्णय बाजार की उम्मीद से ज्यादा है। बाजार और विशेषज्ञ यह उम्मीद कर रहे थे कि केंद्रीय बैंक रेपो दर में वृद्धि को रोकने से पहले ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि करेगा। साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को मामूली बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। पहले इसके 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।



भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें –
प्रमुख नीतिगत दर रेपो 6.50 प्रतिशत पर बरकरार
चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
वित्त वर्ष 2023-24 में मुख्य मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहेगी। फरवरी की समीक्षा में इसके 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था।
रिजर्व बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ ‘लड़ाई’ जारी रहेगी
रबी की फसल अच्छी रहने से खाद्य वस्तुओं की महंगाई कम होगी। मांग-आपूर्ति की सख्त स्थिति की वजह से इन गर्मियों में दूध के दाम ऊंचे बने रहेंगे
भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से वृद्धि परिदृश्य के नीचे जाने का जोखिम
कुछ विकसित देशों में बैंकों की विफलता पर रिजर्व बैंक की नजर
बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि का पता लगाने के लिए रिजर्व बैंक पोर्टल शुरू करेगा
चालू खाते का घाटा (कैड) बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही और चालू वित्त वर्ष में नरम होगा
2022 में भारतीय रुपया व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ा। 2023 में भी ऐसी ही स्थिति रहेगी
मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 6-8 जून को

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