हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बेहद खास माना गया है। मान्यता के अनुसार भगवान शिव के आंसुओं से रुद्राक्ष बना है, इसलिए सृष्टि में इससे सबसे ज्यादा पवित्र माना गया है और ये भगवान शिव का सबसे प्रिय भी है। कहा जाता है कि रुद्राक्ष को धारण करने से भक्तों पर भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहती है। इसलिए अक्सर देखा जाता है कि भगवान शिव के भक्त रुद्राक्ष धारण किए होते हैं।
इन नियमों के अनुसार धारण करें रूद्राक्ष
– रुद्राक्ष हमेशा अपने पैसों से खरीदकर ही धारण करना चाहिए। किसी से लेकर या गिफ्ट में मिला रुद्राक्ष धारण न करें।
– रुद्राक्ष धारण करते समय किसी साधु-संत के समक्ष पूरी रीति-रिवाज के साथ ही धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी की सलाह भी लेनी चाहिए।
– रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसकी पूजा करवानी चाहिए। पूजा कराने के बाद ही रुद्राक्ष धारण कर लेना चाहिए। इसे ज्यादा समय तक रखना नहीं चाहिए।
– रुद्राक्ष काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए। आपको इसे हमेशा लाल या पीले धागे में ही धारण करना चाहिए।
– रुद्राक्ष धारण करते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। रुद्राक्ष बहुत ही पवित्र होता है इसे कभी भी गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए।
रुद्राक्ष धारण करने से मिलता है ये लाभ
– रु्द्राक्ष धारण करने से जाने अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। इसे पहनने से सुख-शांति आती है और कुंडली के दुष्प्रभाव भी दूर होते हैं।
– रुद्राक्ष धारण करने से ताकत में वृद्धि होती है और तनाव और ब्लड प्रेशर भी सही होती है।
– रुद्राक्ष धारण करने से एकाग्रता और याददाश्त बढ़ जाती है। यह त्वचा की बीमारियों को भी दूर करता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। KhabarCGNews इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।