जांजगीर-चाम्पा. ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर में स्कूल के डायरेक्टर आलोक अग्रवाल व प्राचार्य श्रीमती सोनाली सिंह के निर्देशन में द्वितीय चरण के ओरिएंटेशन कक्षा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के जीवन जीने के कौशलो का विषयावर प्रयोग पर सेमीनार आयोजित हुआ। इस आयोजन का नेतृत्व श्रीमती मिनी मोल थॉमस के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के शुरूआत में उन्होंने शिक्षको को उनके विषयानुसार अंग्रेजी, हिन्दी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान समूह में विभाजित किया।
सेमीनार में गणित विषय के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के द्वारा जिनमे श्रीमती नीलम सिंह, सुश्री नेहा अग्रवाल, चंदन दास, सुनील गुप्ता और प्रकाश पाण्डेय ने अपनी प्रस्तुति दी। इस कड़ी में सर्वप्रथम श्रीमती नीलम सिंह द्वारा समानुभूति कौशल पर प्रस्तुति दी गई। उन्होनें कहा कि हमारे पाठ्य पुस्तक में बहुत सारे प्रश्न है जिसके द्वारा बच्चों में समानुभूति कौशल का विकास किया जा सकता है। तद्पश्चात् शिक्षक चंदन दास द्वारा ‘निर्णय लेना’ कौशल के माध्यम से यह बताया कि गणित विषय के प्रश्नो द्वारा बच्चों में विभिन्न जीवन कौशलो का विकास किया जा सकता है।
तद्पश्चात् सुश्री नेहा अग्रवाल द्वारा आत्म जागरूकता कौशल पर प्रस्तुति देते हुए गणित के एक उदाहरण के माध्यम से यह बताया कि जीवन में कैसे और कितना खर्च करें। तद्पश्चात् शिक्षक सुनील गुप्ता द्वारा जीवन कौशल के रचनात्मक सोच विषय पर प्रस्तुति देते हुए कहा कि इस कौशल के माध्यम से बच्चों में नई सोच उत्पन्न कर सकते है। तद्पश्चात् शिक्षक प्रकाश पाण्डेय के द्वारा समस्या समाधान कौशल विषय पर प्र्रस्तुुति देते हुए, कहा कि गणित के माध्यम से बच्चों के वास्तविक जीवन में आने वाले समस्या का (जैसे-लेन देन) समाधान कैसे करें यह सिखाया।
फिर अंत में उपरोक्त शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा एक गतिविधि के माध्यम से यह बताया कि किस प्रकार इन कौशलो के द्वारा बच्चों में गणित विषय के प्रति तनावों को दूर किया जा सकता है।