हम बात कर रहे हैं चीन के बिलेनियर और अलीबाबा के संस्थापक जैक मा की. जैक मा की कहानी हर उस शख़्स को जाननी चाहिए, जो अपने जीवन में निराश हैं, या असफल होने को कारण नकारात्मक सोचने लगते हैं. ऐसे में जैक मा की कहानी आपको ज़रूर प्रेरित करेगी.
बता दें कि जैक मा का जन्म 10 सितंबर 1964 को चाइना के हांगझोऊ प्रांत में हुआ था. जैक पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और वे अपने प्राइमरी स्कूल में 2 बार फ़ेल हो चुके हैं. वहीं मिडिल स्कूल में वे तीन बार फ़ेल हुए थे. उन्हें एक बार गणित के पेपर में 120 में से 1 अंक मिला था. यहां तक कि यूनिवर्सिटी के प्रवेश परीक्षा में भी 3 बार फ़ेल होने के बाद उन्हें एडमिशन मिला था.
जैक मा ने 10 बार हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के लिए भी अप्लाई किया था. लेकिन वहां भी उन्हें एडमिशन नहीं मिला. उन्होंने ग्रेजुएशन हांगझोऊ नॉर्मल यूनिवर्सिटी से किया. उन्होंने इंग्लिश से बैचलर्स ऑफ ऑर्ट्स की डिग्री हासिल की है. इसके बाद वे स्कूल टीचर की नौकरी करने लगे.
जैक मा ने अपने इंटरव्यूज में बताया है कि नौकरी के लिए भी उन्हें 30 बार रिजेक्शन झेलना पड़ा था. यहां तक कि केएफसी में भी उनकी नौकरी नहीं लग पाई थी. KFC में नौकरी के लिए 24 लोगों में अप्लाई किया था, उसमें से 23 लोगों का सेलेक्शन हो गया था, केवल जैक का सेलेक्शन नहीं हुआ था.
जैक मा ने 1999 में अपने 17 दोस्तों के साथ मिल कर अलीबाबा की नींव रखी थी. शुरुआत में कंपनी में काफ़ी मुश्किलें आईं. लेकिन जल्द ही कंपनी में ग्रोथ दिखने लगी और फिर उन्हें निवेशक और लोन मिलते चले गए. आज अलीबाबा का वैल्यूएशन 214.55 बिलियन डॉलर्स है और यह मार्केट कैप के हिसाब से 45वीं सबसे वैल्यूएबल कंपनी है. जैक मा एक समय दुनिया के सबसे अमीर लोगों में भी शुमार थे. हांलाकि 2019 में उन्होंने अलीबाबा के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट ले लिया था.