साल 1990 में आई फिल्म ‘घायल’ में सनी देओल (Sunny Deol) और मीनाक्षी शेषाद्री (Meenakshi Sheshadri) की केमिस्ट्री को दर्शकों ने बेहद पसंद किया. इस फिल्म के डायलॉग्स पर दर्शकों ने सिनेमाघरों में खूब सीटियां बजाईं. एक्शन थ्रिलर फिल्म ने सनी को बतौर हीरो बॉलीवुड में दमदार पहचान दी. सुपर डुपर हिट रही इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन उस दौर में करीब 17 करोड़ रुपए बताया जाता है. ‘घायल’ ने कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए. लेकिन जब फिल्म की रुपरेखा तय की गई थी तब सनी देओल का नाम दूर-दूर तक नहीं था.
दरअसल, जो फिल्म सनी देओल के फिल्मी करियर की टर्निंग प्वाइंट बनी, उसके लिए वह पहली पसंद नहीं थे. दरअसल, धर्मेंद्र अपने बेटे सनी देओल के फिल्मी ग्राफ को लेकर बेहद चिंतित थे. वह अपने लिए भले ही किसी से काम नहीं मांगते लेकिन एक पिता को जब पता चला कि राजकुमार संतोषी कोई दमदार फिल्म बना रहे हैं तो वह खुद को रोक नहीं पाए.
राजकुमार संतोषी उस समय ‘घायल’ पर काम कर रहे थे और बतौर लीड रोल उस दौर के मशहूर एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को फाइनल कर लिया था. धर्मेंद्र को जब इस बारे में पता चला कि संतोषी मिथुन को लेकर एक फिल्म बना रहे हैं तो वह मिथुन के पास पहुंच गए. उन्होंने गुजारिश की कि अगर इस फिल्म में सनी काम करेंगे तो उनके करियर के लिए फायदेमंद साबित होगा.
मिथुन चक्रवर्ती चूंकि धर्मेंद्र को आइडियल मानते थे लिहाजा उनकी गुजारिश ठुकरा नहीं सके और खुशी खुशी फिल्म छोड़ दी. हालांकि संतोषी, सनी देओल को लेकर थोड़े संशय में थे. इसके बावजूद धर्मेंद्र किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहते थे, उन्होंने राजकुमार संतोषी को खुद ही फिल्म प्रोड्यूस करने का भी ऑफर दे दिया.
जब ‘घायल’ रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर कोहराम मचा दिया. जबरदस्त हिट फिल्म ने उस साल ढेरो अवॉर्ड अपने नाम किए. इतना ही नहीं ‘घायल’ ने सनी देओल को रातों-रात एक्शन स्टार बना दिया. सनी तो हिट हो गए लेकिन मीनाक्षी शेषाद्री को खास फायदा नहीं हुआ. इस फिल्म की बंपर सफलता को देखते हुए इसे 1992 में ‘Bharathan’ नाम से तमिल में, 1998 में ‘गमयम’ नाम से तेलुगू में और ‘विश्वा’ नाम से कन्नड़ में बनाया गया.