नई दिल्ली. बढ़ती उम्र के साथ सेहत संबंधी परेशानियां भी बढ़ने लगती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण हमारा लाइफस्टाइल है, जिसमें अगर थोड़ी परहेजी की जाए, तो स्वस्थ्य रहा जा सकता है। यह सच है कि बीमारियों से मुक्त, हेल्दी और लंबा जीवन पाने के लिए शुरू से ही हेल्दी आदतों को अपनाना चाहिए।
लेकिन आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि ‘जब जागो तभी सवेरा’। ऐसे में अगर 40 की उम्र में खुद को स्वस्थ्य रखने का ख्याल आए, तो झिझकें नहीं और यहीं से शुरू करें। डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर आगे के लिए खुद को हेल्दी रखा जा सकता है। इस आर्टिकल में यही जानने की कोशिश करेंगे कि 40 की उम्र के बाद आप अपना ख्याल कैसे रख सकते हैं।
40 की उम्र के बाद वाले लोगों के लिए हेल्दी डाइट टिप्स
उम्र के इस पड़ाव पर जिंक एक बेहद जरूरी मिनरल है, जिसे आपको जरूर लेना चाहिए। यह शुगर क्रेविंग को कम करने और इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। चालीस की उम्र के बाद वाले ज्यादातर लोगों में तेजी से वजन बढ़ते हुए देखा जाता है और उनमें मीठे की क्रेविंग भी अधिक होने लगती है। जिंक सप्लीमेंट्स इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। जिंक की कमी को पूरा करने के लिए नेचुरल चीजें जैसे काले और सफेद तिल, कद्दू के बीज भी अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं।
बी-विटामिन के साथ एंटीऑक्सिडेंट को शामिल करने से एजिंग प्रोसेस में देरी में मदद मिल सकती है।
पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन खाएं। दिन में कम से कम एक अंडा, 1 कप दही, 1 कप दाल और 100 से 200 ग्राम मछली, चिकन या पनीर खाएं। प्रोटीन आपके पेट को भरा हुआ महसूस करने में मदद करता है और बेवक्त की भूख और चीनी की क्रेविंग को रोकता है। यह आपकी इम्यूनिटी बूस्ट करने में भी मदद करता है।
डाइट में भरपूर कैल्शियम शामिल करने से हड्डियों के नुकसान को धीमा करने में मदद मिलेगी। इसलिए हेल्दी फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स, दालें, सोयाबीन और काले तिल को नियमित रूप से डाइट में शामिल करें।
डेली डाइट में कम फैट, हाई फाइबर वाले फूड्स को शामिल करें। साबुत अनाज, दाल, बींस, फल, सब्जियां, मेवे और बीज को भरपूर मात्रा में खाएं। इनमें फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिज अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो उम्र से संबंधित बीमारियों और परेशानियों से लड़ने में मदद करते हैं।
डाइट के अलावा लाइफस्टाइल में भी कुछ बदलाव जरूरी है। इसलिए रोजाना एक्सरसाइज करें। वेट लिफ्टिंग वाले एक्सरसाइज से हड्डियों के नुकसान को धीमा करने में मदद मिल सकती है, लेकिन ध्यान रहे कि एक्सपर्ट के सजेशन पर ही करें। दूसरी ओर, एरोबिक एक्सरसाइज दिल की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा ये जोड़ों, लिगामेंट्स, मसल्स और टेंडन को मजबूत बनाने में भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
कोशिश करें कि चीनी से बचें और उसके बजाय खजूर, काली किशमिश, ताजे फल, अंजीर जैसे नेचुरल स्वीटनर्स का इस्तेमाल करें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।