नई दिल्ली. जिस बात का डर था वही हुआ। भारतीय टीम एक बार फिर आईसीसी टूर्नामेंट जीतने के करीब पहुंची और हार गई। टीम इंडिया के फैंस का दिल 10 साल में नौवीं बार टूटा है। भारत पिछली बार 2013 में कोई आईसीसी टूर्नामेंट जीत पाया था। तब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में उसने चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया था। उसके बाद से नौ आईसीसी इवेंट में टीम हारी है। इसमें चार बार फाइनल में शिकस्त मिली है।
आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप 2021-23 चक्र के फाइनल में भारतीय टीम पहुंची तो इस बार खिताब की उम्मीद पहले से ज्यादा थी। भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती थी। वही ऑस्ट्रेलियाई टीम जिसे टीम इंडिया ने इसी साल फरवरी-मार्च में अपने घरेलू मैदान पर चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से हराया था। ऐसे में लग रहा था कि भारतीय धुरंधर इस बार आईसीसी ट्रॉफी का सूखा समाप्त कर देंगे, लेकिन वह अंतिम बाधा को फिर से पार नहीं कर पाए और फाइनल में 209 रन से हार गए।
मैच में क्या हुआ?
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रन बनाए थे। जवाब में भारत की पहली पारी 296 रन पर सिमट गई थी। ऐसे में दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को 173 रन की लीड मिली थी। मैच के चौथे दिन शनिवार (10 जून) को दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने आठ विकेट पर 270 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। इस तरह भारत को उसने 444 रन का लक्ष्य दिया। जवाब में भारतीय टीम दूसरी पारी में 234 रन पर सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया ने 00 रन से मैच को अपने नाम कर लिया।
भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने लुटिया डुबोई
टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने इस मैच में शर्मनाक प्रदर्शन किया। खासकर शीर्ष चार ने तो पूरी तरह शर्मसार किया। शुरुआती चार में से किसी बल्लेबाज ने दोनों पारियों में अर्धशतक नहीं लगाया। इसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा। रोहित शर्मा से लेकर विराट कोहली तक फेल रहे। टेस्ट के स्पेशलिस्ट चेतेश्वर पुजारा का बल्ला खामोश रहा। भारतीय क्रिकेट के नए ‘प्रिंस’ शुभमन गिल ने भी टीम को नीचा दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
रोहित शर्मा: भारतीय कप्तान रोहित को पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने विकेट के सामने एलबीडब्ल्यू कर दिया। वह 26 गेंद पर 15 रन ही बना सके। रोहित इससे पहले चार फाइनल (2007, 2013, 2014, 2017) में एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके थे। इसके बाद दूसरी पारी में उन्होंने अच्छी शुरुआत की, लेकिन 43 रन बनाकर आउट हुए। नाथन लियोन की गेंद पर वह स्वीप मारने गए और विकेट के सामने पकड़े गए। रोहित क्रीज पर जम गए थे और उन्हें इस शॉट को खेलने की आवश्यकता नहीं थी
शुभमन गिल: भारतीय क्रिकेट के नए स्टार शुभमन गिल को पहली पारी में स्कॉट बोलैंड ने क्लीन बोल्ड कर दिया। शुभमन गेंद को छोड़ना चाह रहे थे, लेकिन बोलैंड की गेंद उम्मीद से ज्यादा स्विंग हो गई और विकेटों से जा लगी। शुभमन ने 15 गेंद पर 13 रन बनाए। दूसरी पारी में भी स्कॉट बोलैंड ने उन्हें अपना शिकार बनाया। स्कॉट की गुड लेंग्थ को वह ठीक से डिफेंड नहीं कर पाए। गेंद बल्ले से लगकर गली में कैमरन ग्रीन के पास चली गई। उन्होंने डाइव लगाकर बेहतरीन कैच लिया। हालांकि, उनके कैच को लेकर विवाद हुआ और कुछ लोगों ने कहा कि गेंद जमीन से लग गई थी, लेकिन शुभमन की खराब बल्लेबाजी इसे छिप नहीं जाती। उनका फुटवर्क दूसरी पारी में भी बोलैंड के सामने सही नहीं था। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा
विराट कोहली: मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक कोहली पहली पारी में मिचेल स्टार्क की एक उठती हुई गेंद को वह ठीक से नहीं खेल पाए। स्टार्क की अचानक बाउंस ही गेंद कोहली के अंगूठे से लगकर स्लिप में चली गई। वहां स्टीव स्मिथ ने उछलते हुए एक शानदार कैच ले लिया। दूसरी पारी में तो विराट अपनी गलती से आउट हुए। बोलैंड की बाहर जाती गेंद को उन्होंने कवर की ओर खेलने की कोशिश की और गेंद बल्ले से लगकर दूसरी स्लिप पर खड़े स्टीव स्मिथ के पास चली गई। कोहली ने गलत शॉट खेलकर भारतीय फैंस की उम्मीदों को तोड़ दिया
चेतेश्वर पुजारा: दिग्गज बल्लेबाज पुजारा पिछले दो महीने से इंग्लैंड में थे। वह ससेक्स क्लब के लिए काउंटी क्रिकेट में खेल रहे थे। उन्होंने दो महीने में ससेक्स के लिए तीन शतक लगाए थे, लेकिन वह शानदार फॉर्म का फायदा इस मैच में नहीं उठा पाए। पहली पारी में कैमरून ग्रीन की एक गेंद उनके विकेट से जा लगी। पुजारा उसे छोड़ना चाह रहे थे, लेकिन गेंद स्विंग होकर विकेटों से जा लगी। पुजारा ने 25 गेंद पर 14 रन बनाए। जिस तरह पुजारा ने गेंद को छोड़ा था, उससे ऐसा लग रहा था कि उन्हें अपना ऑफ स्टंप ही नहीं पता था। ऐसा किसी क्लब खिलाड़ियों के साथ होता है। दूसरी पारी में तो पुजारा ने तो हैरान ही कर दिया। वह टेस्ट में कभी भी अपर कट शॉट नहीं लगाते हैं और दूसरी पारी में उन्होंने ऐसा किया। पुजारा 27 रन बनाकर आउट हो गए।
रोहित और राहुल द्रविड़ की जोड़ी पर उठे सवाल
इस मैच में हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ की जोड़ी पर सवाल उठने लगे हैं। दोनों की पिच को पढ़ने में नाकाम रहे। इस मैदान पर अगर भारतीय टीम रविचंद्रन अश्विन होते तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर काफी दबाव बनता। वहीं, किसी भी बड़े मैच में टीम पहले बल्लेबाजी करना चाहती है। इससे विपक्षी टीम पर दबाव बनता है, लेकिन रोहित ने इसके उलट फैसला लिया और ऑस्ट्रेलिया ने पहली ही पारी में 469 रन बनाकर भारत को मैच से काफी दूर कर दिया। केएस भरत लगातार आठवीं पारी में फेल हो गए। उन्हें खराब बल्लेबाजी के बावजूद लगातार मौके मिले। द्रविड़ और रोहित मिलकर ऋद्धिमाना साहा और ऋषभ पंत का एक बैकअप नहीं ढूंढ पाए।
अश्विन नहीं खेले, लियोन सफल रहे
भारतीय टीम इस मैच में अश्विन को बाहर रखकर उतरी। भारतीय प्रबंधन को लगा कि इस विकेट से तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिलेगा। सचिन तेंदुलकर से लेकर स्टीव वॉ जैसे दिग्गजों ने कहा था कि यहां स्पिन गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिलेगी। ओवल की विकेट जैसी दिखती है वैसी होती नहीं, लेकिन भारतीय प्रबंधन को यह समझ नहीं आया। यह उनका पूर्वाग्रह ही था कि विदेशी पिच पर एक स्पिनर के साथ खेलना है और अश्विन ऐसे में बाहर रहेंगे। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज ऑफ स्पिनर नाथन लियोन ने दोनों पारियों को मिलाकर पांच विकेट ले लिए। ऐसे में अगर अश्विन होते तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता।
तेज गेंदबाजों में नहीं दिखा दम
भारतीय टीम इस मैच में मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, शार्दुल ठाकुर और उमेश यादव के साथ उतरी। इन चार तेज गेंदबाजों ने विकेट तो लिए, लेकिन इनमें वह दम नहीं दिखा जिसके लिए ये जाने जाते हैं। चारों ने जमकर रन लुटाए। ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजों को इनके खिलाफ कोई परेशानी नहीं हुई। ज्यादातर कंगारू बल्लेबाज अपनी गलती से आउट हुए। मैच में सिराज ने पांच, शमी ने चार, उमेश और शार्दुल ने दो-दो विकेट लिए। इन चारों में उमेश यादव तो पूरी तरह आउट ऑफ फॉर्म दिखे। उनसे बेहतर तो अश्विन इस मैच में खेल लेते।
टीम इंडिया के पक्ष में गई यह बात
इस मैच में भारतीय टीम के लिए एक बात ही उसके पक्ष में गई कि अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने अच्छी वापसी की। जनवरी 2022 के बाद उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया था। करीब 16 महीने बाद वह टीम में आए और उन्होंने पारी की हार से बचाया। रहाणे ने पहली पारी में 89 और दूसरी पारी में 46 रन बनाए। वह आगे आने वाले मुकाबलों में टीम के काफी काम आएंगे।