एक जमाना था, जब लोगों को हार्ट की बीमारियां 50-55 की उम्र से शुरू हुआ करती थीं। लेकिन आज, दिल की बीमारियों के मामले में उम्र कोई फैक्टर नहीं है। अब ऐसे भी कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें किसी 20 साल की उम्र के युवा को हार्ट अटैक पड़ गया हो।
क्या ऐसा इसलिए है कि सारी दुनिया का बोझ हमने अपने कंधों पर उठा रखा है? या फिर ऐसा इसलिए है क्योंकि, हम समय पर भोजन नहीं करते हैं और इसकी जगह हम जीरो न्यूट्रिशन वैल्यू वाला जंक फूड खाना ज्यादा पसंद करते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन ये सभी कारण ज्यादातर अनहेल्दी लाइफस्टाइल पर ही जाकर खत्म होते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको दिल या हार्ट को हेल्दी रखने वाले 7 योगासनों के बारे में जानकारी देंगे। (Easy remedies to avoid heart attack) इन योगासनों के अभ्यास से दिल की बीमारियों के खतरे से काफी हद तक बचा जा सकता है।
ताड़ासन को ज्यादातर योग सेशन की शुरुआत में किया जाता है। ये स्ट्रेचिंग और शरीर को योग के लिए तैयार करने वाला बेहतरीन योगासन है। भले ही इस आसन को वॉर्मअप के लिए किया जाता हो, लेकिन इस आसन को करने के हेल्थ से जुड़े कई फायदे भी हैं। ये आपकी एब्स को सही टोन में भी ला सकता है।
वृक्षासन
वृक्षासन संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है, वृक्ष यानी कि पेड़ जैसा आसन। इस आसन में योगी का शरीर पेड़ की स्थिति बनाता है और वैसी ही गंभीरता और विशालता को खुद में समाने की कोशिश करता है। (Easy remedies to avoid heart attack) वृक्षासन ऐसा योगासन है जो आपके शरीर में स्थिरता, संतुलन और सहनशक्ति लाने में मदद करता है। हर टांग पर कम से कम 5 बार ये आसन करना चाहिए। वृक्षासन हठयोग का शुरुआती लेवल का आसन है।
त्रिकोणासन योग विज्ञान का महत्वपूर्ण आसन है। त्रिकोणासन संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है। इसका हिंदी में अर्थ है, तीन कोण वाला आसन। इस आसन को करने के दौरान शरीर की मसल्स तीन अलग कोणों में स्ट्रेच हो जाती हैं। इसी वजह से इस आसन को त्रिकोणासन कहा जाता है। त्रिकोणासन का निर्माण योग वैज्ञानिकों ने इसी सोच के साथ किया है। ये आसन शरीर को तीन अलग कोणों से एक साथ स्ट्रेचिंग देता है और पूरी शरीर के सामान्य फंक्शन को बेहतर ढंग से चलाने में मदद करता है।
उत्कटासन
उत्कटासन, साधारण स्तर की कठिनाई वाला विन्यास शैली का आसन है। इसे करने की अवधि 30-60 सेकेंड की बताई गई है। इस आसन को करने से कंधे और पसलियों (Thorax) में स्ट्रेच आता है। जबकि ये जांघों, पसलियों के कॉलम (Vertebral Column), एडियों और पिंडलियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। पसलियों पर पड़ने वाले दबाव के कारण ही पूरे धड़ में रक्त संचार बढ़ जाता है। इस बढ़े हुए रक्त संचार के कारण ही सीने में ब्लॉकेज होने की संभावना भी कम हो जाती है। इस आसन को करने में आपको काफी कैलोरी बर्न करनी पड़ती है, यही कारण है कि ये पूरे शरीर के लिए कंप्लीट व्यायाम है।
वीरभद्रासन
योग विज्ञान में वीरभद्रासन को योद्धाओं का आसन कहा जाता है। इस आसन को पावर योग (Power Yoga) का आधार माना जाता है। वीरभद्रासन को बिगिनर लेवल का आसन माना जाता है। वीरभद्रासन (Virabhadrasana) को अंग्रेजी भाषा में इसे वॉरियर पोज (Warrior Pose) भी कहा जाता है। (Easy remedies to avoid heart attack) इसे योद्धाओं का आसन भी कहते हैं। वीरभद्रासन का अभ्यास करने की सलाह उन लोगों को दी जाती है, जो अपने शरीर में बल और स्फूर्ति पाना चाहते हैं।