जांजगीर-चाम्पा. बहेराडीह ग़ांव में स्थित वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल में शैक्षणिक भ्रमण के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय अंग्रेजी माध्यम जांजगीर के छात्र-छात्राएं पहुंचे और देश के पहले किसान स्कूल में खेती के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार को देखकर छात्र-छात्राएं और शिक्षक काफी खुश हुए. छात्र-छात्राओं ने 2 घण्टे से अधिक वक्त तक किसान स्कूल में भ्रमण किया और यहां शुरू की गई खेती सम्बन्धी अलग-अलग गतिविधि की जानकारी ली.वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह के संचालक दीनदयाल यादव ने छात्र-छात्राओं को गौमूत्र से नीमसार यानी जैविक कीटनाशक बनाने के संबंध में जानकारी दी. फिर गोबर गैस के बारे में बताया गया. यहां छात्र-छात्राओं को जैविक खाद की महत्ता और खेती में आज जैविक खाद की आवश्यकता के साथ ही किसान स्कूल में आस्ट्रेलियन केंचुआ से खाद बनाने के सिस्टम से अवगत कराया गया. साथ ही, अक्षय चक्र कृषि मॉडल, मंजिल दर मंजिल खेती के बारे में बताया गया.किसान स्कूल में खास तरीके से संरक्षित छत्तीसगढ़ की 36 भाजी के बारे में छात्र-छात्राओं को विस्तार से बताया गया कि छ्ग की 36 भाजियों में पौष्टिकता और औषधि गुणों से भरी होती है. इस दौरान 36 भाजी के बारे में जानकारी मिलने पर छात्र-छात्राएं बेहद खुश हुईं. 36 भाजी के बीजों का डेमो भी बताया गया. इसी तरह गमलों के माध्यम से छत पर बागवानी, 9 तरह की मिर्ची की वेरायटी देखकर छात्र-छात्राएं अचंभित हो गए.किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने छात्र-छात्राओं को बीजों के संरक्षण, गौशाला के साथ ही पुरानी कृषि सामग्री और अन्य पुरानी वस्तु से बनाए गए संग्रहालय की भी जानकारी दी, जिससे जानकर छात्र-छात्राओं ने खूब तारीफ की. यहां छात्र-छात्राओं को केले, भिंडी, अमारी भाजी के रेशे से बने कपड़े के बारे में बताया गया, जिसे किसान स्कूल से जुड़े किसानों, महिलाओं ने बनाया है.इस मौके पर शिक्षक एवं एनसीसी अधिकारी दिनेश चतुर्वेदी, शिक्षिका अनुप्रिया यादव, प्रयोगशाला सहायक अमन गोयल के साथ ही छात्र-छात्रा सोमेंद्र सिंह राठौर, समीर टोप्पो, विष्णु कश्यप, आदित्या सिंह राठौर, कौशलेंद्र सिंह, किशोर कुमार लहरे, यथार्थ जायसवाल, यमन गौरहा, प्रियंका देवांगन, माही नेमी, भूमि झलरिया, अरुणिमा सिंह, वैदेही साव, भूमिका सूर्यवंशी, रेणुका जांगड़े, गौरव कर्वे, मयंक सिंह राठौर, स्नेहिल बंजारा मौजूद थीं.
साढ़े 6 फीट की धनिया के साथ सेल्फी
किसान स्कूल पहुंचे छात्र-छात्राओं में तब और उत्साह बढ़ गया, जब उन्हें साढ़े 6 फीट की धनिया दिखाया गया. इसके बाद छात्र-छात्राओं में सेल्फी लेने और फ़ोटो खिंचाने की होड़ मच गई. साढ़े 6 फीट की धनिया देखकर छात्र-छात्राएं हैरत में पड़ गए. उन्हें बताया गया कि धनिया को राखड़ में जैविक खेती के तहत उगाई गई थी.
‘धरोहर’ में खुमरी के साथ छात्र-छात्राओं का फोटो सेशन
किसान स्कूल में कृषि और घरेलू पुरानी सामग्री को संग्रह किया जा रहा है, जिसे ‘धरोहर’ नाम दिया गया है. धरोहर में खुमरी के साथ शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने फोटो खिंचाई और पुरानी परंपरा, सामग्री के साथ खुद को पाकर रोमांचित हो उठे. इस दौरान छात्र-छात्राओं में काफी उत्साह दिखा और सभी ने किसान स्कूल के प्रयास की सराहना की.