Success Story IPS Archit Chandak : बड़े लक्ष्य हासिल करने की चाह रखने वाले ने 2012 में जेईई परीक्षा पास की और आईआईटी दिल्ली में दाखिला लिया. बीटेक के बाद जापानी कंपनी ने 35 लाख रुपए सालाना सैलरी का जॉब ऑफर मिला. ऑफर ठुकराकर यूपीएससी की तैयारी की. कॉलेज के दौरान ठान लिया था, आईएएस-आईपीएस बनना है. यह कहानी है आईपीएस अधिकारी अर्चित चांडक की. आइए जानते हैं आईपीएस चांडक की सक्सेस स्टोरी.
आईपीएस अर्चित चांडक नागपुर के शंकर नगर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी स्कूलिंग भवन के बीपी विद्या मंदिर से पूरी की है. स्कूल पूरा करने के बाद चर्चित चांडक ने आईआईटी दिल्ली में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया. चांडक साल 2012 में जेईई परीक्षा में अपने जिले के टॉपर थे.
अर्चित चांडक को बीटेक के दौरान पता चला कि उनकी रुचि इंजीनियर बनने की बजाए प्रशासनिक सेवा में जाकर देश सेवा करने में है. चांडक ने बताया कि इंटर्नशिप के दौरान उन्हें एक जापानी कंपनी ने 35 लाख सैलरी पैकेज की जॉब ऑफर किया. लेकिन अब वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी का मन बना चुके थे. उन्होंने यह जॉब ऑफर ठुकरा दिया.
अर्चित चांडक ने साल 2016 में आईआईटी दिल्ली से बीटेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद पहली बार साल 2018 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए. पहले ही प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 184वीं रैंक हासिल करके आईपीएस बन गए. वह वर्तमान में नागपुर पुलिस में डीसीपी पद पर तैनात हैं.
अर्चित चांडक को चेस खेलना भी पसंद है. उनकी फाइड रेटिंग 1820 है. वह फिटनेस फ्रीक भी हैं. वह 42 किलोमीटर की मुंबई मैराथन भी पूरी कर चुके हैं. इसके अलावा वह सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं. वह अपनी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर करते रहते हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 92000 से अधिक फॉलोवर हैं.
आईपीएस अर्चित चांडक ने अपनी यूपीएससी बैचमैट आईएएस सौम्या शर्मा से शादी की है. जो वर्तमान में जिला परिषद नागपुर में सीईओ के पद पर तैनात हैं. सौम्या शर्मा ने ऑल इंडिया नौवीं रैंक हासिल की थीं. सौम्या के साथ एक बात और है कि वह श्रवण बाधित हैं. मतलब उन्हें सुनाई नहीं पड़ता. 16 साल की उम्र में उन्होंने सुनने की क्षमता खो दी थी.