Parenting Tips : बच्चा अगर बात ना मानें तो अपनाएं ये टिप्स, फिर देखिए कैसे हर कहना मानता है

कुछ बच्चे बहुत ज्यादा जिद्दी (angry child) होते हैं जिसके कारण उनको कोई भी बात मनवाना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे बच्चों के माता-पिता इस बात को लेकर बहुत परेशान रहते हैं कि कैसे वो बच्चे के जिद्दी स्वभाव को सरल (stubborn child) बनाएं. आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कैसे ऐसे बच्चों के मां-बाप (child care tips) अपनी बातों को बहुत ही आसान तरीके (easy child care tips) से मनवा सकते हैं.



जिद्दी बच्चे से कैसे मनवाएं बातें 
– बहुत से माता-पिता हर बात में बच्चे को ना कहने लगते हैं जिसके कारण बच्चे जिद्दी होने लगते हैं. आप हर एक चीज में उन्हें टोकने की आदत छोड़ें. कभी-कभी बच्चे को अपने मन की करने देनी चाहिए. और आप जो कुछ भी उसे समझाएं बहुत प्यार से इससे वो आपकी बात को बेहतर तरीके से समझ पाएगा.

इसे भी पढ़े -  Dabhara News : बिहार में NDA की ऐतिहासिक जीत, नगर पंचायत डभरा में अध्यक्ष दीपक साहू के द्वारा बांटी गई मिठाई, भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर की आतिशबाजी

– कुछ माता-पिता बच्चों को डांटते समय गलत शब्दों का इस्तेमाल करने लगते हैं जिसका असर बच्चों पर बुरा पड़ता है. बल्कि पॉजिटिव शब्द बच्चों को आत्मविश्वासी, खुश होने के साथ अच्छा बर्ताव करने में मदद करता है. वहीं, जब भी उनसे बात करें उनसे आई कॉन्टेक्ट बनाकर बात करें ताकि वो आगे चलकर किसी से बात करने में हिचकिचाए नहीं.

वहीं, किसी भी बात को समझाते समय आप बच्चे से बहुत तेज आवाज में बात ना करें. हमेशा शांत मन से बच्चे से बात करें. इससे वो चिड़चिड़ा नहीं होगा. बात-बात में बच्चे पर चिल्लाना बंद करिए. जब तक उनसे कोई बड़ी गलती ना हो उनसे तेज आवाज में बात ना करें.

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : सद्भावना भवन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका व बाल दिवस के अवसर पर सम्मान समारोह आयोजित, जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा, उपाध्यक्ष रितेश साहू सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी रहे मौजूद

-अगर आप चाहते हैं कि बच्चे के अंदर धैर्य, विनम्रता और सहनशीलता आए तो खुद को पहले बदलिए. कई बार माता-पिता बच्चों के सामने छोटी-छोटी बातों पर लड़ने झगड़ने लग जाते हैं, जिससे बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. फिर वह भी उसी नक्शेकदम पर चलने लग जाता है.

– बच्चे को विनम्र और धैर्यवान बनाने के लिए आपको बच्चे के अंदर दया भाव पैदा करना होगा. आपको उसे जरूरतमंदों की मदद करना सिखाना होगा. इससे वह अपनी गलती दूसरों पर थोपने से बचेंगे. आपको बच्चे के अंदर गलती स्वीकार करने की आदत को पैदा करना होगा.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.

इसे भी पढ़े -  Jaijaipur News : हसौद के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में सरस्वती योजना के तहत बालिकाओं को दी गई सायकिल, मुख्य अतिथि के रूप जिला पंचायत सदस्य सुशीला सिन्हा हुई शामिल, छात्र-छात्राओं के द्वारा विभिन्न व्यंजनों का लगाया गया स्टॉल

error: Content is protected !!