बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश निवासी सचिन मीणा के साथ अपनी प्रेम कहानी को लेकर पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर चर्चा में हैं। सीमा जब से भारत आई हैं तब से उन्हें एक के बाद एक ऑफर मिल रहे हैं। इसी कड़ी में अब सीमा हैदर को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया ने पार्टी ज्वॉइन करने का ऑफर दिया है। इतना ही नहीं पार्टी ने सीमा को चुनाव के लिए टिकट देने की भी बात कही है।
इस बीच कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या सीमा भारत में चुनाव लड़ने योग्य हैं? क्या कोई विदेशी नागरिक देश में चुनाव लड़ सकता है? यदि सीमा को भारत की नागरिकता मिले तब क्या यह संभव है? क्या उनके लिए आसान है? आइये समझते हैं…
पहले जानते हैं सीमा हैदर को क्या ऑफर मिला है?
केंद्र की मोदी सरकार में शामिल रामदास अठावले की पार्टी ने सीमा को राजनीति में आने का ऑफर दिया है। साथ ही कहा कि वह अपने चुनाव चिह्न पर सीमा हैदर को चुनाव लड़ाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाएंगे।
इस बारे में आरपीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मासूम किशोर ने कहा, ‘सीमा हैदर एक पाकिस्तानी नागरिक हैं और भारत आई हैं। अगर सीमा को सुरक्षा एजेंसियों से क्लीन चिट मिल जाती है और उन्हें भारतीय नागरिकता मिल जाती है, तो सीमा का पार्टी में स्वागत किया जाएगा। यह डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाया गया कानून है। भारतीय नागरिक कहीं भी चुनाव लड़ सकते हैं।’
क्या कोई विदेशी नागरिक देश में चुनाव लड़ सकता है?
भारत में कहीं भी चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना अनिवार्य शर्त है। कानून कहता है कि कोई गैर-भारतीय नागरिक चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार नहीं हो सकता। संविधान का अनुच्छेद 84 (ए) उल्लेख करता है कि कोई व्यक्ति किसी संसदीय क्षेत्र के लिए चुने जाने के योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो। इसी तरह का प्रावधान राज्य विधानमंडल के लिए भी संविधान के अनुच्छेद 173 (ए) में मौजूद है।
दूसरी शर्त है कि देश में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की उम्र 25 साल पूरी होनी चाहिए। सीमा के मामले में यह है कि उनकी उम्र फिलहाल 21 साल ही है। हालांकि, सीमा यह भी दावा करती हैं कि उनकी उम्र छह साल कम लिखाई गई थी। लेकिन इस दलील का भी कोई मतलब नहीं क्योंकि उनके पाकिस्तानी पहचान पत्र में उनकी उम्र 21 साल ही दिखाई गई है।
अगर सीमा को भारतीय नागरिकता मिले तो क्या वह चुनाव लड़ सकती हैं?
पहले तो सीमा को हैदर भारतीय नागरिकता मिलने पर ही कई कानूनी पेंच हैं। भारत की नागरिकता पाने के कई नियम हैं लेकिन सीमा के मामले में शादी वाला नियम समझना होगा। दरअसल, कानून कहता है कि कोई भी विदेशी नागरिक भारतीय व्यक्ति से शादी करने के बाद यहां की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
इस तरह से सीमा ने सचिन से शादी की है लिहाजा वह भारतीय नागरिक होने के लिए आवेदन कर सकती हैं। लेकिन सीमा के साथ मुश्किल की बात यह है कि वह अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई हैं। नागरिकता कानून कहता है कि कोई भी अवैध प्रवासी भारतीय नागरिक होने के योग्य नहीं हैं। अब यहां सीमा को नागरिकता मिलेगी या नहीं, इसका पूरा अधिकार भारत सरकार के हाथ में चला जाता है। यदि उन्हें नागरिकता मिलती भी है तो वह केवल ‘मानवीय आधार’ वाला अपवाद ही होगा।
सीमा को मानवीय आधार पर नागरिकता मिली तो वह क्या चुनाव लड़ पाएंगी?
कोई विदेशी व्यक्ति देशीकरण प्रक्रिया द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है जो 11 वर्षों के लिए भारत में सामान्य रूप से निवासी है। यानी किसी भी हालत में उन्हें भारतीय होने के लिए ही एक दशक से भी ज्यादा समय लगेगा। उसके बाद उनके आवेदन को सरकार स्वीकार करती है यह सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।
इसके साथ ही सीमा के मामले में यह भी ध्यान रखना होगा कि वह अभी जमानत पर बाहर हैं। दरअसल, भारत में अवैध रूप से दाखिल होने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की थी। यदि भविष्य में कोर्ट मामले के निस्तारण में फैसला उनके खिलाफ सुनाती है तो उनके लिए नागरिकता पाना और भी मुश्किल हो जाएगा। नागरिकता मिल भी गई तो दो साल की अधिक सजा मिलने पर वह चुनाव ही नहीं लड़ सकती।