जिनके नाम पर रखा गया चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम… क्या बोला उनका परिवार?

साइंटिस्ट और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक विक्रम साराभाई के बेटे कार्तिकेय साराभाई ने कहा कि चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट ‘नए भारत’ को रिप्रेजेंट करता है और हर देशवासी को इस पर गर्व है. विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम ‘विक्रम’ रखा है.



 

 

 

चंद्रयान-3 का ‘विक्रम’ लैंडर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड हो गया है. भारत ऐसा करने वाला चौथा और चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला दुनिया का पहला देश बन गया है.

 

 

पर्यावरणविद् कार्तिकेय साराभाई ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, “यह हम सभी के लिए एक महान दिन है, न केवल भारतीयों के लिए बल्कि विश्व स्तर पर क्योंकि कोई भी चंद्रमा के साउथ पोल तक पहुंचने में सक्षम नहीं था. लोगों ने पहले भी इसके लिए कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे.”

 

 

वहीं लैंडर का नाम विक्रम साराभाई के नाम पर होने को लेकर कहा कि यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है क्योंकि लैंडर का नाम विक्रम रखा गया है, लेकिन यह गर्व हम सभी के लिए है क्योंकि यह सभी के लिए है न केवल परिवार के लिए. इस लैंडर के पार्ट्स अलग-अलग लोगों ने तैयार किए हैं. इसलिए इसमें भारत का बहुत बड़ा हिस्सा शामिल है. इसमें पूरे देश के वैज्ञानिक शामिल हैं, यह नए भारत का प्रतिनिधित्व करता है.

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