छत्तीसगढ़ : निजी विद्यालयों की समस्याओं का निराकरण नहीं, अंदोलन के मूड में निजी विद्यालय संघ

रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश के निजी विद्यालयों की समस्याओं को लेकर पिछले कई वर्षो से लगातार शासन प्रशासन से विभिन्न स्तरों पर बातचीत की जाती रही है, परंतु आज पर्यंत तक कोई भी परिणाम नहीं निकला।
अपनी मांगों को लेकर अब निजी विद्यालय संघ ने आंदोलन का मार्ग अपनाने का निर्णय लिया है।



प्रदेश के समस्त जिला संगठन के पदाधिकारियों की बैठक रायपुर में आहूत की गई।

जिसमें अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तय की गई।

इसी क्रम में सर्वप्रथम कल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन विद्यालय बंद कर शिक्षक दिवस कार्यक्रम नही मनाने का निर्णय लिया गया।

ग्रामीण इलाकों में जो निजी विद्यालय हैं वह आर टी ई की राशि पर निर्भर है, और वह बंद होने की कगार पर है।
शिक्षकों का मानदेय भी नही दे पा रहे हैं और न ही मानदेय बढ़ा पा रहे हैं।

फिर शिक्षकों का सम्मान किस तरीके से हम करें।

पिछले कई वर्षो से आर टी ई की राशि रोक कर रखी गई है,
और पिछले 12 वर्षों से आरटीई की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है ।

एक विद्यार्थी के लिए पूरे सत्र में केवल 7000 की राशि प्रदान की जाती है।जबकि इन 12वर्षों महंगाई कहां से कहां पहुंच गई है।

वही दूसरी ओर आरटीई में प्रवेश देने शासन का जबरदस्त दबाव रहता है।

जब हमारे स्कूलों के 25 प्रतिशत छात्रों का पैसा स्कूलों को मिलेगा ही नहीं, तो स्कूल कैसे चलेगा ?

यहां तक की छत्तीसगढ़ में स्टेट हेड बनाकर कक्षा नवमी से 12वीं तक के आर टी ई में प्रवेशित छात्रों से शुल्क नहीं लिये जाने का आदेश जारी हुआ था और उसमें से पिछला बैच 2022-23 में 12वीं अध्ययन कर निकल गया।
उनकी टी सी और अंकसूची विद्यालयों को देनी पड़ी और हमें अभी तक उन विद्यार्थियों का शुल्क प्राप्त नही हुआ है।

बार-बार स्कूलों की कमियां बताकर आरटीई के भुगतान को रोक दिया जाता है ।

अब प्रदेश संगठन ने आंदोलन करना तय किया है ।

रायपुर में हुई बैठक में छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राजीव गुप्ता एवं सचिव मोती जैन के अलावा छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के अध्यक्ष भी शामिल थे।

जांजगीर चांपा जिले के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज पाण्डेय ने बताया कि जांजगीर चांपा जिले में सभी निजी विद्यालय कल 5 सितंबर को स्कूल बंद कर शिक्षक दिवस नहीं मनाएंगे।

जांजगीर चंपा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज पाण्डेय ने बताया कि जांजगीर चांपा जिले में सत्र 2020-21 की करीब 50% स्कूलों की राशि नहीं आई है। सत्र 2021-22 का बैंक की त्रुटि के कारण रुके हुए स्कूलों की राशि भी नहीं आई है।
साथ ही 2018- 19 ,2019 -20 की कई स्कूलों की राशि नहीं मिली है।
सत्र 2022-23 का तो पूरे छत्तीसगढ़ में शुरुआत ही नहीं हुआ है।जबकि अभी वर्तमान में सत्र 2023-24 को प्रारंभ हुए भी दो माह पूर्ण हो चुका है।

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