नई दिल्ली: श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) की 1974 की फिल्म ‘अंकुर’ का ऑफर ठुकराकर वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) ने अपने करियर की बड़ी गलती थी, लेकिन उनकी इस गलती ने शबाना आजमी को बॉलीवुड में स्थापित कर दिया. शबाना ने फिल्म ‘अंकुर’ (Ankur) से बॉलीवुड में शानदार आगाज किया. उन्होंने हमेशा ही फिल्मों में अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस दी.
शबाना आजमी एफटीआईआई में अपनी क्लास की टॉपर थीं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वे जब लास्ट ईयर में पढ़ रही थीं, तब उन्हें ख्वाजा अहमद अब्बास ‘फासला’ और कांतीलाल राठौड़ की फिल्म ‘परिंदे’ का ऑफर मिल गया था, लेकिन श्याम बेनेगल की ‘अंकुर’ से डेब्यू करना चुना, जिसे वहीदा रहमान ने रिजेक्ट कर दिया था.
श्याम बेनेगल ने ‘अंकुर’ में शबाना की कास्टिंग को लेकर मुंबई मिरर को बताया था, ‘मैंने शबाना को एक बार देखा और समझ गया कि वे लक्ष्मी के लिए परफेक्ट हैं.’ हालांकि, एक्ट्रेस इस तरह के रोल के लिए काफी यंग थीं, लेकिन फिल्म मेकर रिस्क लेने को तैयार थे. उन्होंने एक्ट्रेस का ऑडिशन नहीं लिया, जिससे शबाना भी हैरान रह गई थीं.
शबाना आजमी पहली ही फिल्म से स्टार बन गई थीं. उनकी एक्टिंग की रेंज से प्रभावित होकर श्याम बेनेगल ने उन्हें अपनी अगली फिल्म ‘निशांत’, ‘जुनून’ और ‘मंडी’ के लिए भी साइन कर लिया था.
‘मंडी’ में शबाना ने मैडम रुकमणिबाई का जबरदस्त रोल निभाया था. फिल्म में उनके साथ मशहूर एक्ट्रेस स्मिता पाटिल भी थी, जिनके साथ शबाना ने ‘अर्थ’ में भी काम किया था. 73 साल की शबाना आजमी आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं.