जया बच्चन संग डेब्यू करने वाले थे एक्टर, डायरेक्टर को दिया ऐसा जवाब, फिसल गई हाथ आई फिल्म, फिर हुआ कुछ ऐसा…

नई दिल्ली. ‘गोलमाल’ और ‘चितचोर’ जैसी फिल्मों से पर्दे पर हमेशा के लिए अमर हो चुके एक्टर अमोल पालेकर हिंदी सिनेमा में कदम रखने से पहले थिएटर से स्थाई तौर पर पहचान बना चुके थे. एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दे चुके अमोल पालेकर अपनी सादगी के लिए भी दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय हैं. अगर ऑडियंस की बात करें तो आज भी ज्यादातर दर्शक अमोल पालेकर को सीधे-सादे और स्टारडम से दूर रहने वाले एक्टर के तौर पर जानते हैं, लेकिन शायद आपको ये जानकर हैरानी हो कि ये कलाकार एक वक्त पर इंडस्ट्री में ‘घमंडी’ और ‘अहंकारी’ एक्टर के रूप में जाने जाते थे.



 

 

 

यहां तक कि उन्हें फिल्मों में कदम रखने से पहले ही ‘घमंडी’ का टैग मिल गया था. आज आपको इसी से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं कि आखिर अमोल पालेकर को ‘घमंडी’ और ‘अहंकारी’ क्यों बुलाया जाता था. अमोल पालेकर ने साल 1971 में सत्यदेव दूबे की मराठी फिल्म ‘शांतता कोर्ट चालू आहे’ से फिल्मों में कदम रखा था जिसके बाद साल 1972 में डायरेक्टर बासु चटर्जी ने उन्हें फिल्म ‘पिया का घर’ में बतौर लीड एक्टर कास्ट किया था.

 

 

 

 

अगर सबकुछ सही रहता तो अमोल पालेकर फिल्म ‘पिया का घर’ से बॉलीवुड डेब्यू करते और इस फिल्म में उनके साथ जया बच्चन लीड रोल में नजर आतीं. हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया और सालों बाद एक्टर ने खुद इसके पीछे की वजह का खुलासा किया था. दरअसल, इस फिल्म के निर्देशक बासु चटर्जी थे और फिल्म के निर्माण की कमान निर्माता ताराचंद बड़जात्या ने संभाली थी.

 

 

 

 

सन रह गए डायरेक्टरअमोल पालेकर ने अपने इंटरव्यू में इस बारे में बातचीत करते हुए बताया था कि एक दिन बासु चटर्जी ने उन्हें ताराचंद बड़जात्या से जाकर मिलने के लिए कहा था. इस पर एक्टर ने वजह पूछ ली जिसपर उन्हें जवाब मिला कि ये फिल्म ताराचंद बड़जात्या बना रहे हैं और एक्टर को उनसे मिलना पड़ेगा. इस बात का अमोल पालेकर ने ऐसा जवाब दिया था कि डायरेक्टर भी सन रह गए थे.

 

 

 

 

कतार में खड़े होकर नहीं जाना चाहता..’अमोल पालेकर ने बासु चटर्जी से कहा, ” आपने मुझे लीड रोल के लिए चुना है, तो आपको मुझ पर विश्वास है. आप मुझे उनसे मिलवाए और उनसे मेरा ठीक से परिचय करवाएं. मैं फिल्म के प्रोड्यूसर से मिलने के लिए कतार में खड़े होकर नहीं जाना चाहता वह भी तब जब डायरेक्टर ने मुझे फिल्म में कास्ट करने का मन बना लिया हो”

 

 

 

 

बस फिर क्या था ये सुनते ही डायरेक्टर साहब ने उन्हें ‘घमंडी’ का टैग दे दिया. एक्टर ने आगे बताया था कि बासु चटर्जी ने उनसे कहा था कि अभी तक उन्होंने फिल्मों में डेब्यू किया भी नहीं, लेकिन उनमें अभी से इतना घमंड हैं जिसपर अमोल पालेकर ने जवाब दिया था कि वह ऐसे ही हैं.

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