नई दिल्ली. प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी की आने वाली किताब ने सियासत में हलचल ला दी है। मीडिया से चर्चा के दौरान शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कई ऐसे बयान दिए जिसकी वजह से गांधी परिवार पर कई तरह के अब सवाल खड़े हो रहे हैं। गांधी परिवार के अलावा लेखिका शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंधों का खुलासा किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक इंटरव्यू में शर्मिष्ठा ने अपनी किताब ‘प्रणब, माई फादर: ए डॉटर रिमेम्बर्स’ के बारे में बात की।
इस किताब में लेखिका ने गांधी परिवार का जिक्र किया, इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति और आजीवन कांग्रेसी की डायरी प्रविष्टियों पर आधारित है, राहुल और सोनिया गांधी पर तीखे हमले करती है। शर्मिष्ठा मुखर्जी लिखती हैं कि कैसे पूर्व राष्ट्रपति कांग्रेस पार्टी के लोकतांत्रिक चरित्र को खत्म करने और इसे एक पारिवारिक उद्यम में बदलने के लिए सोनिया और राहुल गांधी से नाखुश थे। इंटरव्यू के दौरान लेखिका और भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी का कहना है कि एक दिन सुबह राहुल गांधी उनसे (प्रणब मुखर्जी) मिलने आए, क्योंकि पता चला कि राहुल को वास्तव में उनसे मिलना था शाम को है। जब मैंने अपने पिता से इसका जिक्र किया तो उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की कि, अगर राहुल का कार्यालय एएम और पीएम के बीच अंतर नहीं करता है, तो वे एक दिन पीएमओ को चलाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
प्रणब मुखर्जी को पीएम बनने का नहीं मिला मौका
पीएम बनने को लेकर ‘द पीएम इंडिया नेवर हैड’ शीर्षक वाले अध्याय में शर्मिष्ठा लिखती हैं कि पीएम पद की दौड़ से हटने के सोनिया गांधी के फैसले के बाद, मीडिया और राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो थीं कि अब अगला पीएम कौन होगा। इस पद के लिए प्रबल दावेदारों के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह और प्रणब के नामों पर चर्चा हो रही थी। इस चर्चा के बीच कुछ दिनों तक शर्मिष्ठा मुखर्जी को अपने पिता प्रणब मुखर्जी से मिलने का मौका नहीं मिला।
सोनिया की सत्ता को चुनौती
शर्मिष्ठा मुखर्जी से यह पूछा गया कि क्या उनके पिता प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, लेखिका और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी कहती हैं कि हां, वह पीएम बनना चाहते थे, लेकिन उन्हें पता था कि वह नहीं बन पाएंगे, इसलिए वह इस भ्रम में नहीं थे कि वह एक दिन पीएम बनेंगे… मैंने उनसे एक बार पूछा था कि क्या वह पीएम बनना चाहते हैं और उन्होंने कहा था कि हां, कोई भी गंभीर राजनेता बनना चाहेगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं ‘पीएम बनूंगा… उन्होंने कहा कि शायद सोनिया गांधी ने यह मान लिया था कि वह सोनिया गांधी की सत्ता को चुनौती दे सकते हैं… उन्होंने कहा कि सवाल यह नहीं है कि मैं चुनौती देता या नहीं, बल्कि उन्हें लगता है कि… सोनिया गांधी ने अपने और अपने परिवार के हितों की रक्षा की, इसलिए उन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया जिसके बारे में उन्हें लगा कि वह उनकी सत्ता को चुनौती नहीं देगा।