अयोध्या: भक्तों का 500 साल का इंतजार खत्म होने के लिए सिर्फ एक ही दिन रह गए हैं। देशभर में जोरों शोरों से भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां की जा रही है। लोगों में एक गजब का उत्साव बना हुआ है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की एक झलक पाने के देश में हर कोई लालायित है। हर किसी को बेसब्री से इंतजार है कि कब राम मंदिर में दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
बता दें कि 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और 23 जनवरी से मंदिर सभी लोगों के दर्शन करने के लिए खोल दिया जाएगा। बता दें अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा रख दी गई है जिसकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। सोशल मीडिया में वायरल हो रही रामलला की मूर्ति काली रंग की है, लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर रामलला की मूर्ति काले रंग की ही क्यों बनाई गई है।
रामलला की मूर्ति का काला रंग
रामलला की मूर्ति को शिला पत्थर से बनाया गया है, जिसको कृष्ण शिला के नाम से भी जाना जाता है। यही कारण है कि रामलला की मूर्ति काले रंग की है, जिसे हम श्यामल भी कहते हैं। शिला पत्थर के अंदर कई तरह के गुण हैं। वैसे सवाल यह भी उठता है कि आखिर इसी पत्थर से क्यों बनाई गई है ये मूर्ति? और क्या खास है इस पत्थर में?
दरअसल, रामलला की पूजा के समय उनका दूध से अभिषेक होगा। अब इस पत्थर के गुण की वजह से दूध में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा। इस दूध को पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होगा। इस पत्थर का हजार साल तक कुछ भी बिगड़ता नहीं है। इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं आता है।
श्रीराम की मूर्ति की चंपत राय ने दी जानकारी
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान श्री रामलला की मूर्ति पांच वर्ष के बालक के स्वरूप में बनाई गई है। मूर्ति की लंबाई 51 इंच की है। इस मूर्ति को काले पत्थर से बनाया गया है। इस मूर्ति में भगवान के कई अवतारों को दिखाया है।