Pankaj Udhas Last Rites: आज पंचतत्व में विलीन हो जाएंगे पंकज उधास, घर लाया गया पार्थिव शरीर

मशहूर गजल गायक रहे पंकज उधास ने सोमवार, 26 फरवरी को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री में शोक की लहर है। परिवार और करीबी दोस्तों के अलावा फैंस को भी उनकी मौत का बुरा लगा है। आज पंकज उधास का अंतिम संस्कार किया जाएगा।



घर लाया गया पार्थिव शरीर
पंकज उधास के निधन का कारण उनका लंबे समय से बीमार होना बताया जा रहा है। वह 72 साल के थे। आज दोपहर 3 बजे से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पंकज उधास का पार्थिव शरीर ब्रीच कैंडी अस्पताल से उनके घर लाया गया है। रिश्तेदारों के अलावा उनके क्लोज फ्रेंड्स में से भी कुछ लोग उनके घर आ चुके हैं।

आज होगा अंतिम संस्कार
पंकज उधास का पार्थिव शरीर ब्रीच कैंडी अस्पताल से उनके कर्माइकल रोड स्थित बंगले पर तकरीबन 11 से 11.15 बजे लाया गया। दोपहर 2.30 बजे तक दर्शन के लिए पार्थिव शरीर रखा जाएगा और 3 बजे के बाद हिंदू श्मशान भूमि अंतिम क्रिया शुरू की जाएगी।

पीएम मोदी ने जताया दुख
पंकज उधास के निधन पर फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने दुख जताया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी इस मशहूर गजल गायक के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, ‘हम पंकज उधास के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जिनकी गयाकी कई तरह की भावनाओं को व्यक्त करती थी। उनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं। मुझे पिछले कुछ वर्षों में पंकज उधास के साथ हुई बातचीत याद है। उनके जाने से संगीत जगत में खालीपन आ गया है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।’

पंकज उधास ने गाई थी ये गजलें
पंकज उधास ने कई गजलों को आवाज दी थी। उनकी फेमस गजलों में ‘और आहिस्ता’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’, ‘चिट्ठी आई है’, ‘न कजरे की धार, न मोतियों की हार’, ‘थोड़ी थोड़ी पिया करो’, ‘चुपके चुपके सखियों से वो बातें करना भूल गई’ आदि शामिल थीं।

पंकज उधास ने जीते थे ये अवॉर्ड
2006 में पंकज उधास को गजल गायकी के करियर में सिल्वर जुबली पूरी करने पर पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 2003 में गजल को पूरी दुनिया में मशहूर करने के लिए न्यूयॉर्क के बॉलीवुड म्यूजिक अवॉर्ड में स्पेशल अचीवमेंट एवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसी साल उन्हें गजल और संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए दादाभाई नौरोजी इंटरनेशनल सोसायटी द्वारा दादाभाई नौरोजी मिलेनियम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 2001 में उन्होंने गजल सिंगिंग के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी जीता। इसके साथ ही पंकज उधास को कई और अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया था।

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