जांजगीर-चाम्पा. ग्राम बहेराडीह में सिलिकोसिस जैसे जानलेवा बीमारी फैलाने वाले नियम विरुद्ध रिहायसी इलाके में संचालित फैक्ट्री को आखिर कब तक अभयदान मिलेगा। फैक्ट्री की मनमानी से शांतिपूर्ण ग्राम बहेराडीह में फैक्ट्री के दिनों दिन लोगो का आक्रोश बढ़ रहा है। इस फैक्ट्री में काम करने वाले दर्जन भर लोगों की मौतों के बाद भी प्रशासन को और लोगों की मौत का इंतजार है, जबकि लोगों के लिए जानलेवा साबित होने वाली फैक्ट्री को तत्काल बंद कराने तथा सिलिकोसिस फैलाने वाले फैक्ट्री मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या मामला दर्ज कर जेल भेजने का प्रावधान शासन ने लागू किया, मगर यहाँ सब कुछ उल्टा है।
सिलिकोसिस जैसी जानलेवा बीमारी फैलाने वाले फैक्ट्री को खुलेआम छूट दी गई है। प्रदूषण से परेशान बहेराडीह के ग्रामीणों ने कलेक्टर समेत कमिश्नर, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आदि को 11 बिंदुओं पर लिखित रूप में हस्ताक्षर युक्त शिकायत भेजी गई है और फैक्ट्री को रिहायशी इलाके से तत्काल हटाने, बिजली काटने, गांव के मुख्यमार्ग से फैक्ट्री के तीनों ट्रांसफार्मर को हटाने संबंधित तहसीलदार के आदेश का तत्काल पालन करने, समेत अन्य 11 मांगों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है।
एक बार सील हो चुकी है यह फैक्ट्री
बहेराडीह और सिवनी भदरा के पट्टे की कृषि भूमि पर रिहायशी इलाके में नियम विरुद्ध संचालित फैक्ट्री लोगों के लिए काल बनकर आई है। हवा के माध्यम केमिकल युक्त प्रदूषण लोगों के श्वास नली में प्रवेश कर रहा है और श्वास नली को काटने का काम कर रहा है।इससे यहाँ पर काम करने वाले कई लोगों की जान चली गई है। यहाँ के फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर रामकुमार यादव का पूरा परिवार ही उजड़ गया है।सिलिकोसिस बीमारी से मौत के बाद मजदूर के शव को फैक्ट्री के गेट के सामने रखकर ग्रामीणों ने बड़ा आंदोलन भी किया था।फैक्ट्री के प्रति ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने एक बार एक माह के लिए सील करते हुए फैक्ट्री में कार्यरत मजदूरों की सिलिकोसिस से मौत के बाद मुआवजा राशि देकर एक बार फिर फैक्ट्री को संचालित करने का खुलेआम छूट दे दी है।इससे लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। फैक्ट्री के दुबारा संचालन होने से प्रदूषण से परेशान ग्रामीणों ने अब न्याय की मांग राष्ट्रपति से की है।