Fire Tragedy: पिता ने टैटू से की बेटे के शव की पहचान तो किसी की तमन्ना रही अधूरी…, आग की ऐसी है दर्द भरी दास्तां

कुवैत में एक आवासीय इमारत में लगी आग के बाद शोक और सदमे के बीच एक व्यक्ति के साहस और जिंदा बच निकलने की कहानी सामने आई है। उत्तरी केरल के त्रिक्कारिपुर निवासी नलिनाक्षन घटना के समय इमारत की तीसरी मंजिल पर फंसे हुए थे।



आग की लपटों से बचने के लिए साहसी फैसला लेते हुए वह पास स्थित पानी की टंकी पर कूद गए, जिससे उनकी जान बच गई। हालांकि, छलांग लगाने के कारण उनकी पसलियां टूट गईं और चोटें भी आईं। पास में रहने वाले रिश्तेदारों ने उन्हें तुरंत ढूंढ लिया और तत्काल चिकित्सा के लिए कुवैत के एक अस्पताल में ले गए।

रिश्तेदारों ने पहुंचाया अस्पताल
नलिनाक्षन के चाचा बालकृष्णन ने यहां एक समाचार चैनल को बताया कि हमें बुधवार को दिन में लगभग 11 बजे यह समाचार मिला। वह पानी की टंकी पर कूद गया था, लेकिन हिल नहीं पा रहा था। हमारे रिश्तेदारों ने उसे ढूंढा और तुरंत अस्पताल ले गए। उन्होंने बताया कि परिवार के लोग नलिनाक्षन से फोन पर ज्यादा बात नहीं कर सके, क्योंकि उसके मुंह से खून बह रहा था।

नलिनाक्षन की होगी सर्जरी
बालकृष्णन ने कहा, चोटों के कारण हम नलिनाक्षन से ज्यादा बात नहीं कर पाए हैं। उसकी सर्जरी की जाएगी और हम थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं, क्योंकि वहां एक अच्छे अस्पताल में उसका इलाज किया जा रहा है।

पिता ने टैटू से की बेटे के शव की पहचान

कुवैत में एक बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग में केरल के कोट्टायम निवासी श्रीहरि की भी मौत हो गई। उनके पिता प्रदीप अपने 27 वर्षीय बेटे के हाथ पर बने टैटू से शव की पहचान कर पाए। प्रदीप ने बताया कि कुवैत के अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल के शवगृह में रखे एक शव की पहचान करने के लिए बुलाया था, जिसमें उन्होंने बेटे के हाथ पर बने टैटू से उसकी पहचान की।

प्रदीप ने गुरुवार को कुवैत में एक मलयालम समाचार चैनल को रोते हुए बताया, जब मैं वहां गया तो देखा कि उसका चेहरा पूरी तरह सूजा हुआ था और नाक पर कालिख लगी हुई थी। ऐसे में मैं अपने बेटे के शव की पहचान नहीं कर पा रहा था। फिर मैंने अधिकारियों को बताया कि उसके हाथ पर एक टैटू है और उसी के आधार पर श्रीहरि की पहचान की गई। श्रीहरि पिछले सप्ताह पांच जून को ही केरल से कुवैत गए थे। वह और उनके पिता दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। प्रदीप कुवैत में आठ वर्षों से काम कर रहे हैं।

बेटी को मोबाइल फोन देने की तमन्ना रही अधूरी
केरल के कोल्लम निवासी लुकोस ने अपनी बड़ी बेटी के लिए एक मोबाइल फोन खरीदा था, जिसने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए थे। वह फोन लेकर अगले महीने घर आने वाले थे। इसी यात्रा के दौरान उनको अपनी बेटी का नामांकन बेंगलुरु के एक नर्सिंग कालेज में कराना था। हालांकि, अपनी बेटी को मोबाइल फोन देने की उनकी तमन्ना अधूरी रह गई।

बुधवार को उनके परिवार तक खबर पहुंची कि कुवैत में जिस इमारत में वह रह रहे थे, उसमें आग लग गई। लुकोस के एक रिश्तेदार ने गुरुवार को एक टीवी चैनल को बताया कि उनके दोस्तों ने उन्हें फोन करके घटना के बारे में बताया। बुधवार की शाम लुकोस के मित्रों ने पुलिस से संपर्क किया। तब पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है।

केमिकल इंजीनियर को लेकर परिवार चिंतित
कुवैत में एक आवासीय इमारत में आग लगने की घटना के बाद से वहां केमिकल इंजीनियर के रूप में काम करने वाले साजन जार्ज का परिवार भी चिंतित है। कोल्लम निवासी साजन जार्ज हादसे के बाद से फोन नहीं उठा रहे हैं। दोस्तों ने उनके पिता को बताया कि घटना के समय साजन संभवत: इमारत में थे।

एक दिन पहले हुई थी बात
एक रिश्तेदार ने रोते हुए मीडिया को बताया, परिवार ने एक दिन पहले उनसे बात की थी। हालांकि, कल उन्हें कोई फोन नहीं आया। साजन एक महीने पहले ही कुवैत गए थे। एक रिश्तेदार ने बताया, पुष्टि नहीं होने के कारण परिवार ने उनकी मां को इसकी जानकारी नहीं दी, लेकिन गुरुवार सुबह जब लोग घर आने लगे तो उन्हें पता चला। परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने अपने पहले वेतन से कुछ पैसे घर भेजे थे।

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