बेहद खास है आम की ये वैरायटी, अपने नाम के अनुरूप स्वाद में भी है लाजवाब

भागलपुर. गर्मी का समय आते ही लोगों को आम का बेसब्री से इंतजार रहता है और अलग-अलग तरह के आम का स्वाद लेने के लिए दूर-दूर से गांव पहुंचते हैं. यदि किसी कारण से गांव नहीं पहुंच पाते हैं तो उनको संदेश के तौर पर आम भेज दिया जाता है. हर वैरायटी के आम का अपना एक अलग स्वाद होता है. यदि भागलपुर की बात करें तो यहां का जर्दालु विदेश में भी अपना जलवा बिखर रहा है. इसका स्वाद ऐसा है कि मानो शहद खा रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि इस आम को चीनी के मरीज भी खा सकते हैं. अब जर्दालु के बाद भागलपुर में एक ऐसा आम उगाया गया है, जिसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे. आज हम उस आम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे एप्पल मैंगो के नाम से जाना जाता है.



 

 

 

 

100 से 150 ग्राम का होता है एप्पल मैंगो

दरअसल, भागलपुर में जर्दालू आम की बड़े पैमाने पर बागवानी की जाती है, लेकिन इस बार भागलपुर के सुल्तानगंज स्थित मधुबन बगीचे में एक नई वैरायटी का आम देखने को मिला है. जब इसको लेकर बगीचे के मालिक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस आम को एप्पल मैंगो के नाम से जाना जाता है. इसकी वजह है कि यह आम दिखने में बिल्कुल सेब की तरह होता है. एक आम करीब 100 से 150 ग्राम का होता है और यह खाने में बेहद स्वादिष्ट है. उन्होंने बताया कि यह आम दक्षिण भारत की वैरायटी है और बिहार में कई जगहों पर लगाया भी जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस आम की एक खासियत है यह कि काफी छोटे पौधे में फलने लगता है. इसका फलन भी काफी अच्छा होता है. उन्होंने बताया कि आपने बीजू का नाम सुना होगा, जो खाने में काफी रसदार होता है. उसी के साइज का यह आम होता है. लेकिन यह दिखने में बिल्कुल सेब की तरह होता।

 

 

 

 

किचन गार्डन में भी लगा सकते हैं एप्पल मैंगो

किसान ने बताया कि इस आम के अंदर पाए जाने वाले गुठली या बीज काफी छोटे आकार का होने के साथ बिल्कुल पतली होती है. इस आम का स्वाद भी अपने आप में खास होता है. अभी इस आम को बाजार में बड़े पैमाने पर नहीं उतारा गया है, लेकिन कई जगहों पर लोग इसको खुद के खाने के लिए उगा रहे हैं और इसका उत्पादन भी काफी अच्छा हो रहा है. उन्होंने बताया कि भागलपुर में एप्पल मैंगों का पौधा बड़े पैमाने पर तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि किचन गार्डन में भी इस पौधे को लगा सकते है, क्योंकि यह पौधा 4 फीट में ही फल देने लगता है और इसकी टहनी काफी पतली होती है. नियमित रूप से देखभाल करने पर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

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