डेंगू-डायबिटीज जैसी 10 बीमारियों की एक दवा, पानी में घुलते ही संजीवनी बन जाती है ये पत्ती, आयुर्वेद डॉ. ने बताए फायदे..

health Benefits: आयुर्वेद सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति मानी जाती है. इसमें कई ऐसे जड़ी-बूटियों की खोज की गयी है, जो एक साथ कई बीमारियों को कंट्रोल करने और उसे ठीक करने में कारगर साबित होती है. ऐसा ही एक हर्ब है गिलोय. इसे गुडुची और अमृत के नाम से भी जाना जाता है.
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. की मानें तो आयुर्वेद में गुडूची को सबसे गुणकारी जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है. यह अपने औषधीय गुणों के कारण शरीर की कई तरह की बीमारियों को जड़ से खत्म करने में मदद कर सकती है .



 

 

 

गिलोय के फायदे
एक्सपर्ट के अनुसार, गिलोय बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया, गठिया, वायरल बुखार, खांसी/जुकाम, ऑटोइम्यून डिजीज,
दिखाता है. इसके साथ ही यह इम्यूनिटी पावर बढ़ाने, ब्रेन टॉनिक और एडाप्टोजेनिक नेचर के लिए भी जाना जाता है. यह तनाव के स्तर को कम करता है, याददाश्त में सुधार करता है और मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाता है.

 

 

गिलोय के औषधीय गुण

आयुर्वेद डॉक्टर बताती हैं कि गिलोय एक नेचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक, एंटी-एजिंग, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-डायबिटिक और एंटी-कैंसर गुणों वाला हर्ब है.

 

 

 

गिलोय के सेवन का सही तरीका
अगर आपके घर में यह पौधा है तो आप इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसे- ताजी पत्तियां और तना को रात भर भिगोए, सुबह उन्हें कुचलें और 1 गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक यह आधा न हो जाए, छान लें और पी लें. इसके अलावा आप गिलोय को पाउडर और गोलियों के रूप में भी ले सकते है.

 

 

 

 

किसे नहीं करना चाहिए गिलोय का सेवन

एक्सपर्ट के मुताबिक गिलोय का सेवन सभी कर सकते हैं और इसका कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है. लेकिन फिर भी डॉक्टर के मार्गदर्शन के बिना गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन न करना ही बेहतर है.

 

 

Disclaimer: यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. खबर सीजी न्यूज जिम्मेदारी का दावा नहीं करता.

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