जांजगीर-चाम्पा. भोजली का शाब्दिक अर्थ होता है भूमि अर्थात जमीन में पर्याप्त मात्रा में जल हो। जो भो औऱ जली शब्द से बना है। नारी शक्ति महिलायें गीत के माध्यम से भगवान से यह कामना करतीं हैं कि भूमि में जल हों। भोजली नई फसलों की प्रतीक है। जिसे रक्षाबंधन के ठीक दूसरे दिन नदी, पोखर में विसर्जित कर अच्छी फसल की कामना किया जाता है।
उक्त बातें वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह में आयोजित भोजली महोत्सव के शुभारंभ करते हुए समाजसेवी डॉ सुरेश कुमार देवांगन ने ब्यक्त किया। उन्होंने भोजली प्रतियोगिता में शामिल महिलाओं को नगद पुरुष्कार राशि से सम्मानित किया। भोजली महोत्सव में शामिल जिला शिकायत समिति व लैंगिक उत्पीड़न समिति के अध्यक्ष श्रीमती तान्या पांडेय ने कहा कि भोजली का पर्व छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाई जाती है। जिसमें सभी वर्ग की महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे बड़ी संख्या में शामिल होते हैं और इस पर्व पर छत्तीसगढ़ के बोली भाषा में लोकगीत गाये जाते हैं। बलौदा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष श्रीमती नम्रता राघवेंद्र नामदेव ने कहा कि जिले में बहेराडीह भले ही सबसे छोटा राजस्व गांव और मेरी गोद ग्राम है। जहाँ वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल में निरंतर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें भोजली महोत्सव भी प्रमुख रूप से शामिल हैं। जिला ब्यापार उद्योग केंद्र के डीआरपी संतोष कुमार शुक्ला ने कहा कि सालभर में एक बार भोजली का पर्व छत्तीसगढ़ राज्य के बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। महिलायें गेंहू को भिगोकर अंकुरण के समय हल्दी पानी छिड़काव करती हैं।
आदिवासी महिला कर्मा नृत्य दल ने जीता लोगों का दिल
ग्राम बहेराडीह में पिछले साल की भांति समाजसेवी डॉ सुरेश कुमार देवांगन के सौजन्य से आदिवासी महिला कर्मा नृत्य दल मड़वा चाम्पा की मनमोहक प्रस्तुति ने लोगों का दिल जीता। दल नायक मिल सिंह कंवर ने बताया कि आदिवासी महिला कर्मा नर्तक दल जो कि 45 लोगों का एक दल है। बड़े से बड़े कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिलता रहता है।
भगवंतीन यादव ने मारी बाजी
बहेराडीह में भोजली महोत्सव के दौरान भोजली प्रतियोगिता आयोजित किया गया, जिसमें निर्णायक मंडल अध्यक्ष में केंद्रीय रेशम बोर्ड, तसर अनुसंधान, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के सलाहकार रामाधार देवांगन,सेवा सहकारी समिति मर्यादित सिवनी चाम्पा के प्रभारी प्रबंधक श्रवण कुमार कश्यप, रामलाल देवांगन, उपसरपंच चन्दा सरवन कश्यप, बिहान के एफएलसीआरपी रेवती यादव,लखपति दीदी पुष्पा यादव, सकून यादव, मितानिन रामबाई यादव, ग्राम बैगा श्याम कंवर,सोमवार सिंह कंवर,पंच कृष्णो कश्यप द्वारा भगवंतीन यादव को पहला स्थान के लिए चयनित किया गया। जिसे महोत्सव के अतिथियों द्वारा नगद 1001 रुपये, शील्ड, मेडल और प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया गया। इसी प्रकार दूसरा पुरुस्कार तान्या यादव को नगद 701 रुपये, तीसरा पुरुस्कार 501 रुपये प्रदान किया गया। पांच महिलाओं को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 101 रुपये नगद, शील्ड, मेडल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। जिसमें पुनिता यादव, विमला कश्यप, सकून यादव,गंगा यादव और सिवनी भदरा की दयामंती आदि शामिल है। महोत्सव में गरियाबंद जिले के प्रगतिशील किसान जीवन लाल यादव, पीआरपी भगवती यादव,सक्ति जिले हेमलता साहू, सविता समेत कोरबा आदि जिले की महिलाएं शामिल हुई।
महोत्सव को सफल बनाने किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव, पूर्व उपसरपंच जितेंद्र कुमार यादव, जनभागीदारी शाला विकास समिति अध्यक्ष ईश्वर प्रसाद यादव, प्रधानपाठक सुखीराम यादव, बिपिन तिवारी, डॉ रामदयाल यादव, पिंटू कश्यप,सक्रिय महिला ललिता यादव, मीडिया,कोटवार, पंचगण, मितानिन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, युवा मंडल, महिला मंडल ,बिहान की महिलाएं और ग्रामीणों का सराहनीय योगदान रहा।