आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख को पत्र लिखा है. इस पत्र में केजरीवाल ने पीएम मोदी की उम्र और ‘जांच एजेंसियों के दुरुपयोग’ का मुद्दा उठाया है.
अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख को लिखे पत्र में कहा, “मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं लिख रहा हूं बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं. आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं. जिस दिशा में बीजेपी की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को ले जा रही है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है.”
उन्होंने आगे कहा कि अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, हमारा देश खत्म हो जाएगा. पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा. इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी जिम्मेदारी है. इसी संबंध में जनता के मन में कुछ सवाल हैं, जो मैं आपके समक्ष रख रहा हूं. मेरी मंशा सिर्फ भारतीय लोकतंत्र को बचाने और मजबूत करने की है.”
केजरीवाल ने चिट्ठी में लिखे ये पांच सवाल
देशभर में तरह-तरह के लालच देकर या फिर ED-CBI की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है. क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको या RSS को यह मंजूर है?
देश के कुछ नेताओं को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लिया. जैसे 28 जून 2023 को मोदी जी ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उनके एक नेता पर 70 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया. उसके कुछ दिन बाद ही उस पार्टी को तोड़ कर उसी नेता के साथ सरकार बना ली और उसी नेता को, जिसे कल तक भ्रष्ट कहते थे, उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया. ऐसे कई मामले हैं, जब दूसरी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाया गया. क्या आपने या RSS कार्यकर्ताओं ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी? क्या ये सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?
BJP वो पार्टी है, जो RSS की कोख से पैदा हुई. ये RSS की जिम्मेदारी है कि अगर बीजेपी पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए. क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को ये सब गलत काम करने से रोका?
जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि BJP को अब RSS की जरूरत नहीं है. RSS एक तरह से बीजेपी की मां है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंखें दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि नड्डा के इस बयान ने हर RSS कार्यकर्ता को बेहद आहत किया. देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी ?
आप सबने मिलकर कानून बनाया कि 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेता रिटायर हो जाएंगे. इस कानून का खूब प्रचार किया गया और इसी कानून के तहत आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे कई कद्दावर बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया. पिछले दस वर्ष में इस कानून के तहत अन्य कई बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया, जैसे खंडूरी, शांता कुमार, सुमित्रा महाजन आदि. अब अमित शाह का कहना है कि वो कानून नरेंद्र मोदी पर लागू नहीं होगा. क्या इस पर आपकी सहमति है कि जिस कानून के तहत आडवाणी को रिटायर किया गया, वो कानून अब मोदी पर लागू नहीं होगा? क्या सबके लिए कानून समान नहीं होना चाहिए?
‘मुझे पूरी उम्मीद…’
केजरीवाल ने पत्र के आखिरी हिस्से में लिखा कि आज हर भारतवासी के मन में ये सवाल कौंध रहे हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि आप इन सवालों पर विचार करेंगे और लोगों को इन सवालों के जवाब देंगे.