भारत में कार की स्टेयरिंग राइट साइड और अमेरिका में लेफ्ट साइड क्यों? वजह जान रह जाएंगे हैरान..

अगर आप कार चलाते हैं, तो आपने जरूर देखा होगा कि भारत में कार का स्टेयरिंग राइट साइड में होता है, जबकि अमेरिका में लेफ्ट साइड में। इसके पीछे कोई रॉकेट साइंस नहीं है, बल्कि एक दिलचस्प कारण है।



 

 

 

भारत में अंग्रेजों के लंबे शासन के कारण, यहां का ट्रेफिक रूल ब्रिटिश सिस्टम पर आधारित है। अंग्रेजों ने भारत में सड़क पर बाईं ओर चलने का नियम बनाया, और उसी का असर यह हुआ कि स्टेयरिंग राइट साइड में रखा गया।

 

 

 

ब्रिटिश टाइम में राइट साइड स्टेयरिंग
अंग्रेजों ने जब भारत पर शासन किया, तो उन्होंने अपने ट्रेफिक रूल्स भी यहां लागू कर दिए। ब्रिटेन में स्टेयरिंग राइट साइड में होता है, और भारत भी उसी नियम का पालन करता आ रहा है। यही कारण है कि आज भी भारत में स्टेयरिंग राइट साइड में रखा जाता है। ब्रिटेन के अन्य उपनिवेशों में भी यही सिस्टम देखने को मिलता है।

 

 

 

दुनिया के अलग-अलग यातायात नियम
भारत उन 76 देशों में से एक है, जहां बाईं ओर गाड़ी चलाई जाती है। जबकि दुनिया के 163 देशों में राइट साइड ड्राइविंग का नियम है। भारत में अंग्रेजों के बनाए गए नियम आजादी के बाद भी लागू रहे और बदलने की जरूरत महसूस नहीं हुई।

 

 

 

अमेरिका में स्टेयरिंग लेफ्ट साइड क्यों?

अमेरिका में स्टेयरिंग व्हील बाईं ओर यानी लेफ्ट साइड पर होता है। इसके पीछे 18वीं शताब्दी का एक ऐतिहासिक कारण है। उस समय अमेरिका में घोड़ों की गाड़ियां (टीमस्टर्स) खींची जाती थीं, और ड्राइवर घोड़ों की टीम में सबसे बाएं घोड़े पर बैठता था ताकि वह दाएं हाथ से चाबुक का उपयोग कर सके। इस वजह से अमेरिकी सड़कों पर दाईं ओर चलने का चलन शुरू हुआ, और जब मोटर वाहन आए, तो स्टेयरिंग व्हील को बाईं ओर रखना ही सुविधाजनक समझा गया।

 

 

 

बाईं ओर बैठने से होती है यह सुविधा

जब ड्राइवर बाईं ओर बैठता है, तो उसे दाईं ओर से आने वाले या पीछे से आगे बढ़ने वाले वाहनों को देखना आसान होता है। यही कारण है कि अमेरिका में स्टेयरिंग व्हील बाईं ओर रखा जाता है। यह नियम अमेरिका के साथ-साथ कनाडा में भी लागू है।

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