छत्तीसगढ़: मां और जुड़वा बच्चों की मौत, प्रसव के बाद बिगड़ी थी महिला और जुड़वा बच्चों की तबियत, एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने से हुई घटना, तीनों की मौत के बाद उठे सवाल

कोरबा: कोरबा जिले के वनांचल क्षेत्र करतला में रहने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्रसव के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। प्रसव के बाद अस्पताल में भर्ती जुड़वा बच्चे और मां की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद आनन फानन में सरकारी एंबुलेंस से तीनों को मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन एंबुलेंस में आक्सीजन नही होने के कारण मां और जुड़वा बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इस घटना ने एक बार फिर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये है।



 

 

 

 

जानकारी के मुताबिक ये पूरा मामला करतला थाना के ग्राम जोगीपाली का है। मृतिका के पति बिहारी लाल राठिया ने बताया कि उसकी पत्नी कांति राठिया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थी। सुबह प्रसव पीड़ा होने पर महिला का प्रसव घर पर ही सुरक्षित प्रसव कराया गया। महिला ने स्वस्थ जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। इसके बाद परिवार के लोगों ने महिला और जुड़वा बच्चों को लेकर करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उपचार के लिए लेकर पहुंचे थे। बिहारी लाल राठिया ने बताया कि अस्पताल में उपचार के दौरान अचानक महिला की तबियत बिगड़ने लगी।

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आनन फानन में डाक्टर ने महिला और बच्चों को मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया। सरकारी एंबुलेंस से महिला और नवजात शिशु को लेकर परिवार के लोग रवाना हुए थे। तभी रास्ते में महिला की सांसे फूलने लगी। इस दौरान सरकारी एंबुलेंस में आक्सीजन नही होने के कारण तत्काल महिला और बच्चों को मदद नही मिल पायी, जिससे महिला और जुड़वा बच्चों की रास्ते में भी मौत हो गयी। जिला अस्पताल पहुंचने के बाद डाॅक्टर ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।

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इस घटना के बाद पीड़ित परिजनों ने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाये है। मृतिका के पति का आरोप है कि यदि एंबुलेंस में आक्सीजन की व्यवस्था होती, तो उसकी पत्नी और बच्चों की जान बच सकती थी। लेकिन लचर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण एक ही पल में तीन जिंदगियां छीन गयी। इस घटना के बाद बिहारीलाल राठिया के घर पर मातम पसरा हुआ है। वहीं इस घटना पर जिला अस्पताल पुलिस चैकी में प्राथमिकी दर्ज कर घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

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