जब शांत स्वभाव वाले श्रीराम भी अपने क्रोध पर नही कर पाए काबू, इन 6 घटनाओं में दिखा भगवन का गुस्सा, वजह जान आप भी हो जाएंगे हैरान!

भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाना जाता है और वे स्वभाव से बहुत संयमी, धैर्यवान और शांत थे। रामायण में कई ऐसे प्रसंग हैं, जिन्हें सुनकर ही आपको और हमें गुस्सा आ सकता है, लेकिन जब वे प्रसंग श्री राम के सामने हुए, तो उन्हें गुस्सा नहीं आया।
लेकिन जब भी न्याय और धर्म की रक्षा की बात आई, तो श्री राम भी अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाए और उस पल उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर कर दिया। आइए जानते हैं किन परिस्थितियों में उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर किया।



 

 

 

बालक राम का क्रोध

बाल कांड में बताया गया है कि काकभुशुंडि श्री राम की रोटी लेकर उड़ गए थे। उस समय श्री राम छोटे बालक थे। तब श्री राम क्रोधित होकर तीनों लोकों में हाथ फैलाते हैं, जिस पर काकभुशुंडि को अपनी असली पहचान का अहसास होता है और वे उनकी शरण में आते हैं।

 

 

 

शूर्पणखा पर क्रोध

जब शूर्पणखा सीता के साथ दुर्व्यवहार करती है, तो श्री राम बहुत क्रोधित होते हैं और लक्ष्मण से उसे दण्ड देने के लिए कहते हैं।

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : पीएम श्री आत्मानंद हायर सेकेंडरी स्कूल में शाला प्रवेश उत्सव धूमधाम से मनाया गया, नवप्रवेशी बच्चों को तिलक व मिठाई खिलाकर मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा और उपाध्यक्ष रितेश साहू ने कराया प्रवेश, 10 वीं, 12 वीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को किया गया सम्मानित

 

 

 

बाली पर क्रोध

जब सुग्रीव उन्हें बताता है कि उसके भाई बाली ने उसका अपमान किया है और उसे राज्य से निकाल दिया है और उसकी पत्नी को भी जबरन छीन लिया है, तो भगवान राम बहुत क्रोधित होते हैं और कहते हैं कि बाली जो अपने छोटे भाई की पत्नी, जो एक बेटी की तरह है, को जबरन अपने पास रखता है, वह निश्चित रूप से मृत्यु का पात्र है।

 

 

 

 

सुग्रीव पर क्रोध

जब सुग्रीव अपना वचन भूल जाता है और कामुक सुखों में लिप्त हो जाता है, तो श्री राम क्रोधित हो जाते हैं और लक्ष्मण के माध्यम से संदेश भेजते हैं कि बाली के प्राण लेने वाला बाण अभी भी उनके तरकश में है और साथ ही वह मार्ग भी बंद नहीं हुआ है जिससे बाली स्वर्ग गया था।

 

 

 

समुद्र देवता पर क्रोध

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

लंका जाने के लिए पहले श्री राम दो दिन तक समुद्र देवता से प्रार्थना करते हैं और रास्ता मांगते हैं, लेकिन जब वे रास्ता नहीं देते हैं, तो श्री राम क्रोधित हो जाते हैं और उन्हें अपने बाण से सुखा देने की धमकी देते हैं। तब लक्ष्मण उसे समझाकर शांत करते हैं और फिर समुद्र देवता क्षमा मांगते हैं और उसे पुल बनाने का सुझाव देते हैं।

 

 

 

रावण का वध

जब रावण अपने अपार पराक्रम से वानरों को मार डालता है, तो श्री राम क्रोधित होकर कहते हैं कि ‘अच्छा होता अगर मैं उसे पहले दिन ही मार देता’।

 

 

 

इंद्र पर क्रोध

जब महर्षि दुर्वासा श्री राम के साथ भोजन करने आते हैं, तो वे इंद्र से कल्पवृक्ष मांगते हैं। लेकिन जब इंद्र देरी से आते हैं, तो श्री राम क्रोधित हो जाते हैं और अपने बाण के माध्यम से इंद्र को संदेश भेजते हैं। तब भयभीत होकर इंद्र तुरंत कल्पवृक्ष को श्री राम के पास भेज देते हैं।

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : पीएम श्री आत्मानंद हायर सेकेंडरी स्कूल में शाला प्रवेश उत्सव धूमधाम से मनाया गया, नवप्रवेशी बच्चों को तिलक व मिठाई खिलाकर मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा और उपाध्यक्ष रितेश साहू ने कराया प्रवेश, 10 वीं, 12 वीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को किया गया सम्मानित

 

 

 

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। खबर सीजी न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

error: Content is protected !!