जांजगीर-चाम्पा. कृषि प्रधान जिले के एक छोटा सा गांव बहेराडीह में रहने वाले भारत के पहले किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव को छत्तीसगढ़ समेत देश के सभी राज्यों के मालाकार और कुम्हारों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत ट्रेनिंग देने और असेसमेंट लेने के लिए मास्टर ट्रेनर और असेसर बनाए गए है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य समेत बिहार और झारखंड राज्य से अपना काम की शुरुआत कर दी है।
इस संबंध में दीनदयाल यादव ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 पारंपरिक ब्यवसाय से जुड़े भारत के सभी राज्यों के लोगों के आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ीकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ 17 सितंबर 2023 को किया गया है। इस योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपये का कुल बजट खर्च के लिए निर्धारित किया गया है। इस योजना से मोची, सोनार, लोहार, बढ़ाई, नाई, धोबी, झाड़ू बनाने वाले, बॉस का टुकनी बनाने वाले,कपड़ा सिलाई करने वाले लोगों, मालाकार, कुम्हार, मछली का जाल बनाने वाले और अन्य कुल 18 परंपरागत कारोबार को शामिल किया गया है। ऐसे लोगों को न्यूनतम 5 या अधिकतम 15 दिनों तक निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें प्रतिदिन 500 रुपये मानदेय राशि और प्रशिक्षण स्थल पर आने जाने जैसी व अन्य खर्च हेतू 1500 रुपये उनके बैंक खाते में शासन की ओर से भुगतान किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद प्रत्येक प्रतिभागियों को 15000 रुपये का टूल कीट प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। इसके साथ ही उनके कारोबार को विस्तार करने के उद्देश्य से 1 लाख रुपये ऋण दिये जायेंगे। यह ऋण भुगतान होने के तत्काल बाद 2 लाख रुपये ऋण दिये जाने का भी प्रावधान रखा गया है।
मालाकार और कुम्हार ट्रेड के मास्टर ट्रेनर व असेसर दीनदयाल यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित लाइवलीहुड कॉलेज में जिले कुम्हारों को प्रशिक्षण देने और मालाकार ट्रेड का छत्तीसगढ़ समेत बिहार और झारखंड राज्य में असेसमेंट लेने का काम शुरू किया गया है। इसी तरह उन्हें भारत के सभी राज्यों में दस साल पहले ही कृषि क्षेत्र और आचार, पापड़, मसाला पाउडर निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का मास्टर ट्रेनर और असेसर बनाए गए है।