Kisaan School : किसान स्कूल में संचालक दीनदयाल यादव को मिला जंगली पीला गेंदा और बेल का पेटेंट, पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार को भेजा गया था आवेदन

जांजगीर-चाम्पा. हमारे देश में विलुप्त हो रहे जंगली पीला गेंदा को सालों से संरक्षित करने और उन्हें विकसित करने वाले बहेराडीह गांव में स्थित भारत के पहला किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव को पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण भारत सरकार दिल्ली की ओर से पेटेंट प्रदान किया गया है. इसके साथ ही फलदार बेल का भी शासन उन्हें मिला है.



वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने बताया कि 9 साल पहले वर्ष 2016 में जिले के कृषि विभाग के उप संचालक के प्रमाणित कराने के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के पादप प्रजनन विभाग प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा के अनुसंशा से पौधा किस्म और कृषक प्राधिकरण संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार दिल्ली को भारत में विलुप्त हो रहे जंगली पीला गेंदा को संरक्षित करने तथा उनका पेंटेंट हेतू आवेदन निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत किया गया था. शासन स्तर पर जांच पड़ताल करने के 9 साल बाद पेंटेंट प्रदान किया गया है. इसी तरह फलदार बेल का भी पेटेंट प्रदान किया गया है.

इसे भी पढ़े -  JanjgirChampa Arrest : प्रेमी ने प्रेमिका को अश्लील फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित किया था, आरोपी प्रेमी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के 36 भाजियों का शीघ्र मिलेगा पेटेंट
सालों से छत्तीसगढ़ के 36 भाजियों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम कर रहे जिले के छोटा सा गांव बहेराडीह में रहने वाले युवा किसान दीनदयाल यादव को शीघ्र ही पेटेंट शासन की ओर से मिलेगा. इसके साथ ही जामुन, अनार और अन्य पौधों का पेटेंट प्रदान करने हेतू भारत के अलग अलग राज्यों के वैज्ञानिकों द्वारा मौके पर पहुँचकर पौधों और बीज, तना, पत्तियों, फूल और फल तथा मिट्टी की नमूना लेकर जांच पड़ताल की प्रक्रिया शासन स्तर पर जारी है.

इसे भी पढ़े -  JanjgirChampa Accident Death : वाहन के कुचलने से बोरवेल मशीन में काम करने वाले मजदूर की मौत

दो साल पहले मिला है जीनोम पुरुस्कार
भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि प्रधान जिले के एक छोटे से गांव बहेराडीह में रहने वाले युवा किसान दीनदयाल यादव को छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों की संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम करने के साथ ही कई विलुप्त चीजों को संरक्षित करने के काम को देखते हुए कृषि व कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में उन्हें डेढ लाख रुपये का चेक और प्रमाण पत्र के साथ जीनोम पुरुस्कार से नवाजा गया है.

इसे भी पढ़े -  Janjgir News : जांजगीर के बनारी स्थित ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल में 29 मार्च को सरोद वादक देबस्मिता भट्टाचार्य का आगमन होगा

error: Content is protected !!