शरीर के ल‍िए वरदान है व्रत, वजन कम करने से लेकर Mental Peace तक; म‍िलते हैं 6 बड़े फायदे

Benefits of fasting: इन द‍िनों Chaitra Navratri का पावन पर्व चल रहा है। इस दौरान भक्‍त मां दुर्गा की आराधना करते हैं। कई भक्‍त पूरे नौ द‍िनों तक व्रत भी रखते हैं। इससे उन्‍हें न स‍िर्फ मां का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है बल्कि कई तरह के शारीरिक लाभ भी मिलते हैं। कुछ लोग हल्का-फुल्का खा कर व्रत रखते हैं। वहीं कुछ लोग घंटों बिना कुछ खाए व्रत रह लेते हैं। कई लोगों को ऐसा लगता है कि व्रत करने से शरीर कमजोर हो जाता है और बीमारियां भी हो सकती हैं। हालांक‍ि व्रत रखने से शरीर में कई तरह के सकारात्मक बदलाव भी आते हैं।
अगर आप भी चैत्र नवरात्र में पूरे नौ दिनों का व्रत रख रहे हैं तो ये आपको शारीर‍िक रूप से फायदा भी पहुंचाएगा। आज हम आपको व्रत रखने के कुछ जबरदस्‍त फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से-



डाइजेस्‍ट‍िव स‍िस्‍टम को म‍िलता है आराम
हमारा पाचन तंत्र लगातार भोजन को पचाने में लगा रहता है। व्रत के दौरान भोजन का सेवन कम होने से उसे आराम मिलता है, जिससे पेट की समस्याएं जैसे गैस, अपच और एसिडिटी कम होती हैं। व्रत के दौरान शरीर से सारे विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करने लगता है।
शरीर को करे डिटॉक्स

व्रत के दौरान हम हल्‍का और सात्विक भोजन करते हैं। ऐसे में हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से खुद को साफ करने की प्रक्रिया में लग जाता है। शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं।

वजन घटाने में मददगार
अगर व्रत को सही तरीके से रखा जाए तो यह वजन घटाने में भी सहायक हो सकता है। उपवास के दौरान कम कैलोरी का सेवन और हल्का आहार लेने से शरीर की चर्बी कम होने लगती है। इसके साथ ही ओवर ईट‍िंग से भी बचाव होता है।

ब्लड शुगर करे कंट्रोल
अनहेल्‍दी चीजों को खाने से हमारा ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। व्रत रखने से इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।

मजबूत होता है इम्यून सिस्टम
व्रत के दौरान शरीर खुद को रिपेयर करता है और नई कोशिकाओं का निर्माण करता है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

व्रत रखने से मि‍लती है मानसिक शांति
व्रत केवल शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल इस दौरान लोग ध्यान और प्रार्थना करते हैं। इससे मन को सुकून मिलता है। साथ ही नकारात्मक विचार भी नहीं आते हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

error: Content is protected !!