सक्ती. जनपद पंचायत मालखरौदा के सभाकक्ष में महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300 वां जन्म जयंती के अवसर पर नारी शक्ति महिलाओं को सम्मानित किया गया.
आपको बता दें कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर दिल्ली के महाराष्ट्र सदन स्थित मुख प्रतिमा मालवा राज्य की महारानी शासनावधि 1 दिसंबर 1767 राज्याभिषेक, 11 दिसम्बर 1767 पूर्ववर्ती मालेराव होल्कर उत्तरवर्ती तुकोजीराव होल्कर जन्म 31 मई 1725 ग्राम चौंढी, जामखेड, अहमदनगर, महाराष्ट्र, भारत में हुई थी. अहिल्याबाई होलकर की जीवनसंगी खण्डेराव होलकर पूरा नाम अहिल्याबाई खण्डेराव होलकर घराना होल्कर राजवंश मराठा साम्राज्य पिता मान्कोजी शिन्दे धर्म हिन्दू अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मन्दिर बनवाए, घाट बँधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया. मार्ग बनवाए-काशी विश्वनाथ में शिवलिंग को स्थापित किया. भूखों के लिए अन्नसत्र अन्न क्षेत्र खोले, प्यासों के लिए प्याऊ बिठलाईं, मन्दिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन-चिन्तन और प्रवचन हेतु की अहिल्याबाई होलकर के सम्बन्ध में दो प्रकार की विचारधाराएँ रही हैं. एक में उनको देवी के अवतार की पदवी दी गई है तो दूसरी में उनके अति उत्कृष्ट गुणों के साथ अन्धविश्वासों और रूढ़ियों के प्रति श्रद्धा को भी प्रकट किया है. वह अँधेरे में प्रकाश-किरण के समान थीं, जिसे अँधेरा बार-बार ग्रसने की चेष्टा करता रहा, अपने उत्कृष्ट विचारों एवं नैतिक आचरण के चलते ही समाज में उन्हें देवी का दर्जा मिला. मालखरौदा जनपद सभा कक्ष में अहिल्या बाई होलकर के जन्म शताब्दी के अवसर पर संगोष्ठी व महिला सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य रूप से महिला जागरण व महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में विशेष रूप से कार्य करने वाले महिलाओं को साड़ी और श्री फल भेंटकर सम्मानित किया गया.
इस बीच जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा, जनपद उपाध्यक्ष रितेश साहू, जनपद सीईओ, मंडल अध्यक्ष, महामंत्री, जनप्रतिनिधि गण विशेष रूप से उपस्थिति थे.