कोरबा. कटघोरा क्षेत्र के हुंकरा गांव की पहाड़ी इन दिनों किसानों के लिए नई परेशानी का सबब बन गई है. यहां पर कथित तौर पर हरि कृष्णा हॉस्पिटल, कटघोरा का जैविक चिकित्सा अपशिष्ट (बायोमेडिकल वेस्ट) खुलेआम फेंका जा रहा है. इस गंदगी में इंजेक्शन की टूटी शीशियां, डिस्पोज़ेबल सुई, खून से सने कॉटन और अन्य खतरनाक सामग्री शामिल है, जो बारिश के पानी के साथ बहकर सीधे किसानों के खेतों में पहुंच रही है.
किसानों का कहना है कि इस कचरे से उनकी फसलें खराब हो रही हैं, वहीं खेत में काम करते समय अक्सर पैरों में टूटी शीशियां और सुई चुभ जाने का खतरा भी बना रहता है. किसानों ने बताया कि कई बार अस्पताल प्रबंधन से इस लापरवाही पर आपत्ति जताई गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब तो अस्पताल के कर्मचारी रात में चोरी-छिपे कचरा फेंकने आने लगे हैं.
किसानों ने आरोप लगाया कि पहाड़ी इलाके को अस्पताल का डंपिंग यार्ड बना दिया गया है. जहां-जहां जगह मिल रही है, वहां अपशिष्ट सामग्री फेंकी जा रही है. बरसात में यह जहरीला कचरा बहकर खेतों में पहुंच रहा है, जिससे न केवल फसल बल्कि भूमिगत जल और पर्यावरण पर भी खतरा मंडरा रहा है.
किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि हरि कृष्णा हॉस्पिटल प्रबंधन पर कड़ी करवाई की जाए. नियमों के अनुसार, अस्पतालों को अपने जैविक अपशिष्ट का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से करना अनिवार्य है, लेकिन खुले में कचरा फेंकने की यह लापरवाही नियमों की सीधी अवहेलना है और ग्रामीणों की जिंदगी के लिए खतरा साबित हो सकता है.