श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में एक माह के अंदर आएगा फैसला, हाईकोर्ट में चलेंगे सभी केस. पढ़िए…

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सर्वोच्च न्यायालय से सर्वे का आदेश हो चुका है, एक माह के भीतर फैसला हो जाएगा।



 

 

सभी केस हाईकोर्ट में चलेंगे। साध्वी ऋतंभरा के षष्ठीमहोत्सव में शामिल होने आये आलोक कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा श्रीरामजन्म भूमि का विवाद खत्म हुआ और अब काशी-मथुरा का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि वकील के नाते वह विश्वास से कह सकते हैं कि ये दोनों मुकदमे भी हम जीतेंगे। हो सकता है कि इसमें समय लगे, लेकिन जीत हमारी ही होगी। जिस तरह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष करना पड़ा। उस तरह के संघर्ष की आवश्कता अब नहीं पड़ेगी। अब पुराने वाला समय नहीं रहा है। कोर्ट के निर्णय होने पर देशभर के हिंदू और मुसलमान सभी उसे स्वीकार करते हैं।

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सभी दलों के अध्यक्ष किये आमंत्रित

 

उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम के संबंध मे रूपरेखा तैयार की है। सभी बड़े राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया जा रहा है। कांग्रेस संसदीय बोर्ड की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और संसद में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी इस आयोजन में बुलाया गया है। शरद पवार भी उन लोगों की सूची में हैं, जिन्हें निमंत्रण भेजा जाएगा।

 

 

 

 

वात्सल्य बांट रहीं ऋतंभरा

 

विहिप अध्यक्ष ने कहा कि श्रीरामजन्म भूमि आंदोलन में साध्वी ऋतंभरा ने युद्ध लड़ा और विजय पाई और अब बेटियों को वात्सल्य व प्रेम बांट रही हैं।

 

ढांचा गिरा तो गिरी अर्थव्यवस्था, मंदिर बनते ही ऊपर आई : सुधांशु

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साध्वी ऋतंभरा के षष्ठीपूर्ति महोत्सव में आए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद डा. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि तथाकथित बाबरी ढांचा जब गिरा तो सोना गिरवी रखना पड़ा था, अर्थव्यवस्था धड़ाम हो गई थी। विवादित ढांचे के टूटते ही नेहरू मॉडल टूट गया था, जबकि अब मंदिर का निर्माण हो रहा है तो देश का फॉरेन एक्सचेंज 600 बिलियन पार कर गया है। षष्ठी महोत्सव में प्रवक्ता ने कहा कि ये संयोग है या देव योग कि नौ नवंबर 1989 में देवोत्थान एकादशी थी, 30 अक्तूबर 1990 को भी देवोत्थान एकादशी थी और जिस दिन मंदिर निर्माण के लिए सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया, उस दिन भी देवोत्थान एकादशी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश 75 वे साल से 100 वें वर्ष में प्रवेश पर अमृत काल मना रहा है। उसका प्रथम काल ईष्टा काल में हुआ है। यह शुभ मुहुर्त बन रहा है और इसमें दोहरा लाभ मिलता है।

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