गंगा पुल में कार सेवकों के एकत्रित होने के बाद लाठियां व गोलियां चलाई उत्तर प्रदेश के तात्कालिक पुलिस प्रशासन द्वारा

जांजगीर-चाम्पा. अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कृष्ण कुमार सिंगसार्वा 32 वर्ष की आयु में अपने दो बच्चों, जिनकी उम्र महज 6 व 4 साल के थे, उन्हें व परिवार को छोड़कर कार सेवा में जानें के लिए निश्चय कर लिया माता पिता ने उन्हें घर से दही शक्कर खिलाकर भगवान राम की सेवा के विदा किया. साथ में गांव के ही और 2 कार सेवक विमल कश्यप और गुहादास महंत भी उनके साथ निकल पड़े. कृष्णकुमार सिंगसार्वा बताते है कि भगवान श्रीराम मंदिर अभियान संघर्ष की गाथा है जिसके लिए भारत वर्ष के बहुत लोगों ने अपने प्राण की आहुति लिए कार सेवा की बहुतों ने अपनी अपने प्राणों की आहुति दी, हजारों घायल हुए.



बात है 29 अक्टूबर 1990 की स्व गौरीशंकर कौशिक के नेतृत्व में अकलतरा विकास और बलौदा खंड से 46 लोगों ने कार सेवा के लिए प्रस्थान किया जिसमे पकरिया से मेरे साथ गुहादास महंत विमल कश्यप तिलई से गौरीशंकर कौशिक, चिंतामणि कौशिक, चुन्नीलाल विश्वकर्मा, जवाहर कौशिक, स्व देवी कौशिक, पौना से देवलाल कश्यप, कापन से 2 और बलौदा और आसपास के ग्राम के लोग थे गांव से अकलतरा फिर बिलासपुर पहुंचे बिलासपुर स्टेशन से टिकट लेकर 27 अक्टूबर को सारनाथ ट्रेन से इलाहाबाद ( प्रयागराज) के लिए रवाना हुए जो की उस समय इलाहबाद के लिए अंतिम ट्रेन थी उसके बाद इलाहबाद के लिए कोई ट्रेन नही चली ट्रेन जैसे ही उत्तर प्रदेश सीमा पर पहुंची कार सेवकों पर क्रूरता पूर्वक जुल्म ढाने लगी.

इसे भी पढ़े -  Janjgir Big Action : नीली बत्ती लगाकर स्कार्पियो में घूमता था नगर सेना का निलंबित जवान, ट्रैफिक पुलिस ने पकड़कर की ये कार्रवाई... जानिए...

उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ट्रेन को कही भी रोक कर कार सेवकों के साथ मार पीट करते हमारे गठ प्रमुख स्व फेकन दाऊ अग्रवाल को बहुत ज्यादा मारपीट के प्रताड़ित किए लेकीन हम लोगों ने हार नहीं और ट्रेन से नीचे नही गए प्रशासन द्वारा ट्रेन को कई जगहों पर रोक दिया जाता और ट्रेन 1 दिन विलंब से नैनी स्टेशन पहुंची जहा से सभी को विश्व हिन्दू परिषद् भवन पहुंचना था तब तक इलाहाबाद ( प्रयागराज) में करफ्यू लगा दिया गया था 29 तारीख के सुबह सभी कार सेवकों का एकत्रीकरण होना था लाखों कार सेवक 1 घंटे के अंदर एकत्रित हो गए और प्रयागराज से अयोध्या के लिए पैदल निकल पड़े 3 घण्टे पैदल चलकर फाफा महू पुल पहुंचने पर पता चला प्रशासन द्वारा पुल के आगे को खाई खोदकर रास्ता बंद कर दिया गया था कार सेवक पुल में फंस गए.

इसे भी पढ़े -  Nawagarh Rape Arrest : नवागढ़ पुलिस ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को किया गिरफ्तार, पॉक्सो एक्ट के तहत की कार्रवाई

पुलिस ने कार सेवकों को घेर लिया पुल के ऊपर कार सेवकों पर लाठी गोली चलाई गई कार सेवकों ने योजना बनाकर दुर्गा वाहिनी के महिलाओ को अग्रिम पंक्ति में मोर्चा सम्हालने के लिए भेजे लेकिन बेरहम प्रशासन ने उन पर भी क्रूरता पूर्वक लाठिया बरसाई और गोलियां चलाई, कार सेवकों को नदी में और रेलवे लाइन में पुल के नीचे फेंका गया लाठी चार्ज और गोली बारी से बिलासपुर के गनपत राव सप्रे जी जो सपरिवार कार सेवा कर रहे थे उनकी परिवार की महिलाओ को गंभीर चोट आई और सैकड़ों कार सेवक गंभीर रूप से घायल हुए घायल अवस्था में उत्तर प्रदेश पोलिस द्वारा पुल से बाहर कार सेवकों को बस में ठूंस ठूंस कर ले जाकर जंगलों में छोड़ा गया हम जिस बस में थे उसमे हमे तीन दिनों तक भूखे प्यासे रखकर घुमाया गया।

3 दिन बाद बदायू के गुरुकुल को अस्थाई जेल बनाकर हम लोगों को 15 दिन तक वहा रखा गया इस बीच 30 अक्टूबर और 2 नवंबर को अयोध्या में गोली कांड हुआ, जिसमे अशोक सिंघल को भी लाठिया लगी और बहुत से कार सेवकों ने अपने प्राणों की आहुति भगवान श्रीराम के लिए न्यौछावर किए, जिसमे प्रमुख रूप से दो भाई रामकुमार कोठारी एवं शरद कोठरी बंधु थे।

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : जनपद पंचायत सभाकक्ष में 5 कर्मचारियों को शॉल, मोमेंटो, श्रीफल भेंटकर सम्मान पूर्वक दी गई विदाई, जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सरपंच सहित अन्य जनप्रतिनिधि रहे मौजूद

error: Content is protected !!