बुद्धिमान बच्चों की पहचान होती हैं ये 6 आदतें, आपके बच्चे में हैं, तो लाइफ में सफल होना तय है….

सुमित शाह ने जून 2020 में कंपनी के सह-संस्थापक और सीटीओ सुभाष चौधरी के साथ ‘दुकान’ ऐप को लॉन्च किया था। यह ऐप व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं और तकनीकी तौर से कम जानकार लोगों को मोबाइल के जरिये अपना ई-कॉमर्स स्टोर बनाने में सक्षम बनाता है। ऐप व्यापारियों को 30 सेकंड के भीतर अपना कारोबार स्थापित करने में मदद देता है। लॉन्च के 20 दिनों के अंदर ऐप पर 1.5 लाख से ज्‍यादा ऑनलाइन स्टोर बनाए गए थे। ऐप ने पूरे भारत में छोटे और मध्यम आकार के बिजनस को इंटरनेट पर अपना कारोबार शुरू और विकसित करने का मौका दिया है।



 

 

 

 

 

कोई माता पिता अपने बच्चों को दब्बू होता या दब्बू बनता नहीं देखना चाहते हैं. सबकी ख्वाहिश होती है कि बच्चा ज्यादा स्मार्ट (Smart), आउटस्टैंडिंग हो. इस वजह से कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को जरूरत से ज्यादा फोर्स भी करते हैं. या, तो उसे दूसरे बच्चों का उदाहरण देते रहते हैं या हर समय किताबों में सिर झुकाए रहने पर मजबूर करते हैं. लेकिन ये समझना जरूरी है कि बस किताबों में घुसे रहने से कोई बच्चा बुद्धिमान (How to Become Intelligent and Smart) नहीं बनता. बल्कि कुछ खास आदतें होती हैं जो आपके बच्चे को दूसरे बच्चों से अलग बनाती हैं. आपको बताते हैं कौन कौन सी हैं वो आदतें.

 

 

 

 

बुद्धिमान बच्चों की खास आदतें | कैसे पता करें कि कोई बुद्धिमान है | बुद्धिमान व्यक्ति होने के 6 संकेत क्या हैं? |
समय पर खास ध्यान : जो बच्चे दूसरे बच्चों से ज्यादा समझदार होते हैं वो समय को कभी नजरअंदाज नहीं करते. बल्कि समय के साथ साथ अपना काम मैनेज करते हैं. उनका एक फिक्स शेड्यूल होता है और वो उससे समझौता बिलकुल नहीं करते. रूटिन तय कर उस पर आगे बढ़ने से वो हमेशा सिस्टमैटिक भी होते हैं और अपने काम के साथ अपने शौक भी पूरे कर पाते हैं.
नोट करते हैं हर बात : कुछ बच्चे होते हैं जो दूसरों की बातें सुनकर, जितना याद रहे उतना ही फॉलो करते हैं. लेकिन जो बच्चे भीड़ से अलग रहना चाहते हैं और बुद्धिमान होते हैं वो अपने काम की हर बात को नोट करते हैं और कोशिश करते हैं कि उन्हें फॉलो कर सकें.

 

 

 

 

सवाल पूछने में हिचकते नहीं : कुछ बच्चे डाउट्स के बावजूद अपने  टीचर से सवाल नहीं कर पाते. जबकि जो बच्चे बुद्धिमान बच्चों की कैटेगरी में आते हैं वो सवाल पूछने में झिझकते नहीं बल्कि अपने डाउट्स दूर करने पर फोकस करते हैं.
टारगेट पर फोकस : बुद्धिमान बच्चे पहले अपना टारगेट तय करते हैं. फिर उसे पूरा करने के लिए जुट जाते हैं. उनका मकसद सिर्फ पढ़ाई का वक्त पूरा करना नहीं होता बल्कि पढ़ाई का टारगेट पूरा करना होता है.

 

 

 

 

सेहत का ध्यान : ऐसे बच्चे ये खूब जानते हैं कि अपना शेड्यूल पूरा करने के लिए उनका सेहतमंद रहना जरूरी है. इसलिए अपनी तबीयत का भी पूरा ध्यान रखते हैं. ज्यादा जंक फूड की जगह हेल्दी खाना खाते हैं और फिजिकली फिट रहते हैं.

 

 

किताबों से मिलने वाला ज्ञान हासिल करना तो आसान है लेकिन इंटेलिजेंट बच्चे कुछ अलग जानने की खातिर में एक्सप्लोर करने में जुटे रहते हैं. अलग अलग किताबें, मोबाइल पर उपलब्ध जानकारी और जानकारों से सवाल करना उनकी आदत होता है. ताकि वो हर बार कुछ नई बात जान सके.

 

 

 

 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. खबर सीजी न्यूज इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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