जांजगीर-चाम्पा. राहौद के प्रतिष्ठित सीताराम फार्मेसी संस्थान में एक दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. रामकुमार साहू प्राध्यापक गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय उत्तराखंड एवं संस्था के प्राचार्य डॉ. मनमोहन सिंह के द्वारा द्वीप प्रज्वलन एवं राष्ट्रगान के साथ किया गया, जिसमें संस्था के सभी शिक्षक गण कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। तत्पश्चात संस्था के प्राचार्य ने गर्मजोशी स्वागत भाषण देते हुए बताया कि कौशल विकास एक ऐसा क्षेत्र है जो न केवल आर्थिक विकास के लिए आशा जनक है, बल्कि इसमें नवाचार और हमारे समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डालने की भी अपार संभावनाएं हैं। सदियों से औषधीय पौधे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की आधारशिला रहे हैं और उनका उपयोग वैश्विक स्तर पर बढ़ता जा रहा है।
तत्पश्चात हमारे संस्था निदेशक दीपक कश्यप ने सभी को इस अवसर का लाभ उठाने और इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किये एवं धन्यवाद दिये कि इस रोमांचक यात्रा की शुरुआत एक साथ करें और अपने समुदाय व विश्व पर एक सकारात्मक प्रभाव डालें। आगे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर रामकुमार साहू के द्वारा कौशल विकास के लिए अपना व्याख्यान दिया गया। उन्होंने हम सभी को अवगत कराया की सफल व्यवसाय कम लागत में अधिक मुनाफा और देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान कैसे किया जाए। इन्होंने बताया कि हमारे कौशल विकास में हमारे सोच की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे विकसित करने के लिए छोटी से छोटी कमियां जो कि कहीं भी हो सकती है उन्हें पहचान करना और उनका निदान करना और साथ ही इस निदान या उपचार को पेटेंट के रूप में पंजीकृत करवाना और साथ ही औषधीय पौधों को लेकर उद्यमशीलता विकसित करने की व्यापक संभावनाओं से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि इन औषधीय पौधों के उत्पादन प्रसंस्करण व विपणन के लिए जो सरकारी योजनाएं एवं अनुदान है का उपयोग करते हुए कौशल विकास करने के व्यापक तरीके सुझाए। अंततः संस्था के उप प्राचार्य गौरव वर्मा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए समस्त श्रोतागण, मुख्य अतिथि एवं प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उपस्थित सभी अतिथियों को धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।