जांजगीर-चाम्पा. बरसात के मौसम में लोगों को जल जनित बीमारियों से बचाने के उद्देश्य से पीएचई विभाग द्वारा हैंडपम्प टेक्निशियन के माध्यम से गांव के सभी हैंडपम्प, ट्यूबवेल में क्लोरिन डाला जाता है, मगर जिले में बहेराडीह एक ऐसा गांव है, जहां पर पीएचई विभाग का हैंडपम्प टेक्निशियन सालभर से गायब है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत सुशासन तिहार में किया, लेकिन अभी तक इस दिशा किसी प्रकार की कोई पहल नहीं हुई है।
मामला बलौदा ब्लॉक के जाटा पंचायत के आश्रित ग्राम बहेराडीह की है। जहाँ पर सालभर से पीएचई विभाग के हैंडपम्प टेक्निशियन गायब है। इसकी शिकायत कलेक्टर के न सिर्फ जनदर्शन में शिकायत किया गया है, बल्कि वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने राज्य सरकार द्वारा चलाई गईं सुशासन तिहार में बाकायदा लिखित रूप में ग्रामीणों की समस्या से अवगत कराते हुए लम्बे समय से फिल्ड से नदारत हैंडपम्प टेक्निशियन पर कार्यवाही की मांग किया था, लेकिन अभी उनके इस शिकायत पत्र किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया गया है और न ही आवेदनकर्ता को सम्बंधित विभाग के द्वारा किसी तरह की कोई सूचना दी गईं है। इससे नाराज आवेदनकर्ता ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को इस मामले से अवगत कराये जाने का निर्णय लिया है।
जल बहिनी और जल सेवक का पता नहीं
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्र में पीएचई विभाग के द्वारा प्रत्येक ग्राम ग्राम पंचायतो में जल बहिनी और जल सेवक बनाए गए है, उन्हें विभाग द्वारा बाकायदा प्रशिक्षण और पेयजल की पीएच मान को जांच कर पीने योग्य तथा दूषित पानी निकलने वाले हैंडपम्प पर लाल रंग की पट्टी लगाने, विभाग के हैंडपम्प टेक्निशियन के सहयोग से बरसात के पूर्व हेंडपम्प, ट्यूबनल में क्लोरिन डालने, जागरूकता लाने दीवाल लेखन कराने हेतू किट वितरण किया गया है. किट वितरण में ही विभाग ने लाखों रूपये खर्च किया है, किन्तु जिले के प्रत्येक पंचायत में चयनित जल बहिनी और जल सेवक कौन है, इसकी भी जानकारी ग्रामीणों को नहीं है.