दशहरा पर्व एवं पुतला दहन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी, पुतले की ऊंचाई अधिकतम 10 फीट होनी चाहिए, पर्व मनाने आवेदन 10 दिन पहले देना होगा

जांजगीर-चापा. कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी यशवंत कुमार ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम तथा आम जनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दशहरा पर्व एवं पुतला दहन के संबंध में निर्देश जारी किया है। कलेक्टर की जारी आदेश के अनुसार
दशहरा पर्व पर बनाए गए पुतलों की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। दशहरा पर्व का आयोजन किसी बस्ती रहवासी इलाके में नहीं किया जाएगा। यह आयोजन खुले स्थान पर करने के निर्देश दिए हैं।
आयोजन समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित 50 व्यक्ति से अधिक लोग कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
आयोजन के दौरान केवल पूजा करने वाले व्यक्ति ही शामिल होंगे। भीड़ एकत्रित ना हो इसकी जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी।
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यथासंभव ऑनलाइन माध्यमों से आयोजन का प्रसारण करने को कहा गया है। आयोजन की वीडियोग्राफी कराने तथा एक रजिस्टर संधारित करेंगे जिसमें दशहरा पर्व, पुतला दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा।
आयोजन स्थल पर सीसीटीवी कैमरा लगाएंगे ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।
समय पूर्व सोशल मीडिया में यह जानकारी दी जाए कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए कार्यक्रम सीमित रूप से आयोजित किया जाएगा।
दशहरा पर्व, पुतला दहन स्थान में कहीं भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, बाजार, मेला, स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण, पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी।
आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल, फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना एवं समय-समय पर सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
पुतला दहन से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसार अनिवार्यतः बैरिकेटिंग कराने के निर्देश दिए हैं।
किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक, डीजे, धुमाल, बैंड पार्टी की अनुमति नहीं होगी।
दशहरा पर्व रावण पुतला दहन में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त सजावट, झांकी की अनुमति नहीं होगी।
अनुमति के पश्चात समिति द्वारा सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सी मीटर एंड हेण्डवास एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोनावायरस से संबंधित कोई सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी।
आयोजन के दौरान अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था करने कहा गया ह। यातायात नियमों का पालन करने एवं यातायात को किसी प्रकार बाधित ना हो या भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
एनजीटी व शासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम, भारत सरकार एवं उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करने कहा गया है।
दशहरा पर्व पुतला दहन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो इलाज का संपूर्ण खर्च आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा।
कंटेनमेंट जोन में आयोजन की अनुमति नहीं होगी। यदि अनुमति के पश्चात कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया जाता है तो अनुमति तत्काल निरस्त माना जाएगा।
दो आयोजन स्थल की दूरी 500 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए। आयोजन की अनुमति के लिए पहले आओ पहले पाओ नीति के तहत प्राथमिकता देते हुए अनुमति दी जाएगी।
उपरोक्त निर्देशों के अतिंरिक्त भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश के अंतर्गत जारी एसओपी का भी पालन करना अनिवार्य होगा। उपरोक्त शर्तों के उल्लंघन अथवा किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर इसकी समस्त जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी। जिसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।
शर्तों के अधीन दशहरा पर पुतला दहन कार्यक्रम आयोजन के लिए 10 दिवस की पूर्व शहरी क्षेत्रों के आवेदन देना होगा एवं अनुमति मिलने पर ही कार्यक्रम की अनुमति होगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा उक्त निर्देशों के उल्लंघन करने पर एपिडेमिक डिसिज एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।



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