जांजगीर-चाम्पा. पुरातात्विक सांस्कृतिक एवं धार्मिक नगरी छत्तीसगढ़ के काशी, नगर पंचायत खरौद को तहसील का दर्जा दिलाने के लिए महामाया अध्यात्म सेवा समिति, नगर पंचायत के पार्षदों एवं नगर के गणमान्य नागरिकों की संयुक्त्त बैठक महामाया मन्दिर परिसर में आयोजित की गई.
बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने नगर विकास के लिए दलगत भावना से हटकर नगर को तहसील के दर्जा दिलाने के लिए एकजुटता से कार्य कर सहयोग करने का निर्णय पारित किया. बैठक में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सुबोध शुक्ला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां तहसील गठन के मुलभूत सुविधाएं 15000 की लगभग आबादी, 30 बिस्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, राष्ट्रीयकृत बैंक, राजस्व निरीक्षक का कार्यालय, बिलासपुर सारंगढ़ मुख्य सड़क मार्ग और महाविद्यालय उपलब्ध है. हमें एकजुटता से तहसील निर्माण के लिये कार्य करना होगा. पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद पति शरद शर्मा ने नगर के गणमान्य नागरिकों की एक सशक्त समिति गठन कर कार्य में गति लाने की बात कही.
पार्षद धरम सिदार ने केंद्रीय पुरातत्व द्वारा संरक्षित राम वन गमन परिपथ विकास कार्यक्रम में खरौद स्थित माता शबरी की उपेक्षा पर दुख जताया. महामाया अध्यात्म सेवा समिति से शिवरात्री यादव ने राम वनगमन परिपथ कार्यक्रम में विकसित करने के लिए चिन्हित सभी 9 स्थानों में प्रमाणों से युक्त खरौद को विकसित करने के लिए प्रथम चरण में शामिल करने और नगर को तहसील बनवाने के लिए मुख्यमंत्री एवं राजस्व मंत्री को रायपुर जाकर ज्ञापन देने की बात कही.
बैठक में उपस्थित अन्य पार्षद गण एवं प्रबुद्धजन ने भी अपने-अपने विचार रखते हुए नगर विकास में और खरौद को तहसील का दर्जा दिलाने के लिए दलगत भावना से हटकर हर प्रकार से सहयोग करने का विचार व्यक्त किया.
बैठक में कांति तुरकाने पार्षद, सुधीर मिश्रा बसंत यादव, अरविंद तिवारी, नितिन यादव पार्षद, योगेंद्र सोनी, भवानी शंकर साहू पार्षद, दिनेश आदित्य पार्षदपति, इंद्रकुमार देवांगन पार्षद, भूरेलाल भारद्वाज पार्षदपति, श्याम पाठक पार्षदपति, सुमित्रा आदित्य, पुष्पा आदित्य, झुमुक लाल आदित्य, महात्मा सोनी और हेमलाल यादव आदि उपस्थित थे.