साउथ अफ्रीका ने 6 जनवरी 2022 को जोहानिसबर्ग के वांडरर्स मैदान पर इतिहास रचा। उसने 1992 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद पहली बार इस मैदान पर टीम इंडिया को टेस्ट में हराया। उसकी इस जीत के हीरो रहे कप्तान डीन एल्गर।
पिच पर पहले 3 दिन में 32 गिरे हों, उस विकेट पर डीन एल्गर ने नाबाद 96 रन बनाए और टीम को जिताकर ही पवेलियन लौटे। इस जीत के बाद जहां दक्षिण अफ्रीका ने कई रिकॉर्ड बनाए, वहीं डीन एल्गर ने भी 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। संयोग से यह रिकॉर्ड उनके हमवतन केपलर वेसेल्स के नाम ही था।
हालांकि, उन्हें ना चाहते हुए भी सौरव गांगुली और शाकिब अल हसन के क्लब में शामिल होना पड़ा। डीन एल्गर बतौर कप्तान चौथी पारी में भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर बने। इस रिकॉर्ड में उन मैचों को शामिल किया गया है, जिनमें भारत हारा है। उनसे पहले यह रिकॉर्ड केपलर वेसेल्स के नाम था। वेसेल्स ने दिसंबर 1992 में पोर्ट एलिजाबेथ में भारत के खिलाफ चौथी पारी में नाबाद 95 रन बनाए थे।
टेस्ट क्रिकेट में अब तक सिर्फ 5 कप्तान ऐसे हुए हैं, जो सफलतापूर्वक लक्ष्य का पीछा करने के दौरान 90 से ज्यादा रन बनाकर नाबाद तो रहे, लेकिन शतक नहीं बना पाए। इसमें भारत के सौरव गांगुली, ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल, साउथ अफ्रीका के केपलर वेसेल्स और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन के नाम भी शामिल हैं।
अब इस कड़ी में डीन एल्गर का भी नाम जुड़ गया है। चैपल 1980 में इंग्लैंड के खिलाफ 98 रन बनाकर नाबाद रहे थे। वेसेल्स भारत के खिलाफ 1992 में 95 रन बनाकर नाबाद रहे थे। सौरव गांगुली 2001 में श्रीलंका के खिलाफ 98 रन बनाकर नाबाद रहे थे। इस मैच में मोहम्मद कैफ ने आखिर में चौका मारा था और टीम इंडिया जीत गई थी।
शाकिब अल हसन 2009 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 96 रन बनाकर नाबाद रहे थे। ओवरऑल बात करें तो डीन एल्गर भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर बने। पहले नंबर पर केपलर वेसेल्स हैं। उन्होंने 1992/93 में डरबन में 118 रन बनाए थे।
साउथ अफ्रीका की बात करें तो उसने 11 साल बाद चौथी पारी में 230 से ज्यादा रन बनाए हैं। इससे पहले उसने नवंबर 2011 में केप टाउन में चौथी पारी में 50.2 ओवर में 2 विकेट पर 236 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच जीता था।
भारत के खिलाफ लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए किसी टीम का चौथी पारी में यह तीसरा सर्वोच्च स्कोर है। इस मामले में ऑस्ट्रेलिया पहले नंबर पर है। उसने 1977/78 में पर्थ में चौथी पारी में 339 रन बनाकर भारत को हराया था। दूसरे नंबर पर वेस्टइंडीज है। उसने 1987/88 में दिल्ली में चौथी पारी में 276 रन बनाकर भारत को हराया था।
हालांकि, उन्हें ना चाहते हुए भी सौरव गांगुली और शाकिब अल हसन के क्लब में शामिल होना पड़ा। डीन एल्गर बतौर कप्तान चौथी पारी में भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर बने। इस रिकॉर्ड में उन मैचों को शामिल किया गया है, जिनमें भारत हारा है। उनसे पहले यह रिकॉर्ड केपलर वेसेल्स के नाम था। वेसेल्स ने दिसंबर 1992 में पोर्ट एलिजाबेथ में भारत के खिलाफ चौथी पारी में नाबाद 95 रन बनाए थे।
टेस्ट क्रिकेट में अब तक सिर्फ 5 कप्तान ऐसे हुए हैं, जो सफलतापूर्वक लक्ष्य का पीछा करने के दौरान 90 से ज्यादा रन बनाकर नाबाद तो रहे, लेकिन शतक नहीं बना पाए। इसमें भारत के सौरव गांगुली, ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल, साउथ अफ्रीका के केपलर वेसेल्स और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन के नाम भी शामिल हैं।
अब इस कड़ी में डीन एल्गर का भी नाम जुड़ गया है। चैपल 1980 में इंग्लैंड के खिलाफ 98 रन बनाकर नाबाद रहे थे। वेसेल्स भारत के खिलाफ 1992 में 95 रन बनाकर नाबाद रहे थे। सौरव गांगुली 2001 में श्रीलंका के खिलाफ 98 रन बनाकर नाबाद रहे थे। इस मैच में मोहम्मद कैफ ने आखिर में चौका मारा था और टीम इंडिया जीत गई थी।
शाकिब अल हसन 2009 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 96 रन बनाकर नाबाद रहे थे। ओवरऑल बात करें तो डीन एल्गर भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर बने। पहले नंबर पर केपलर वेसेल्स हैं। उन्होंने 1992/93 में डरबन में 118 रन बनाए थे।
साउथ अफ्रीका की बात करें तो उसने 11 साल बाद चौथी पारी में 230 से ज्यादा रन बनाए हैं। इससे पहले उसने नवंबर 2011 में केप टाउन में चौथी पारी में 50.2 ओवर में 2 विकेट पर 236 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच जीता था।
भारत के खिलाफ लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए किसी टीम का चौथी पारी में यह तीसरा सर्वोच्च स्कोर है। इस मामले में ऑस्ट्रेलिया पहले नंबर पर है। उसने 1977/78 में पर्थ में चौथी पारी में 339 रन बनाकर भारत को हराया था। दूसरे नंबर पर वेस्टइंडीज है। उसने 1987/88 में दिल्ली में चौथी पारी में 276 रन बनाकर भारत को हराया था।