इस गांव में सर्दियों में नहीं पहुंचती थी धूप, तो उसने अपना ‘सूरज’ बना लिया… जानिए इस शानदार कोशिश के बारे में…

रोशनी और धूप जिंदगी हैं। इनके बिना जीवन बड़ा ही अटपटा लगता है। इंसानी शरीर क्या, पेड़-पौधे और पशु-पक्षी भी धूप से ज्यादा दिन की दूरी बर्दाश्त नहीं कर सकते। तभी तो उत्तरी इटली में पाइमोंट घाटी के एक गांव ने सर्दियों में धूप के लिए अपना ‘सूरज’ बना लिया।



इनकी बदौलत मिला गांव को ‘सूरज’

हालांकि, विगनेला के डिप्टी मेयर पियर फ्रांको मिडाली ने गांव में धूप लाने का फैसला किया। वो गांव को गुलजार रखना चाहते थे और उनकी इसी चाहत की बदौलत इस छोटे से गांव को एक कृत्रिम ‘सूरज’ मिला, जिसकी रोशनी से ये दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया।

83 दिनों तक नहीं रहती बिल्कुल धूप

डीडब्ल्यू’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव को सर्दियों (नंवबर और फरवरी) में 83 दिनों तक धूप नहीं मिलती। लेकिन पहाड़ की चोटी पर लगा एक विशाल शीशा (कृत्रिम सूरज) शहर के चौक पर सूरज की रोशनी को बिखेरता है, जिससे गांव वाले सर्दियों में भी धूप का दीदार करते हैं।

गांव में इतने घंटे आती है रोशनी

पहाड़ी की चोटी पर बड़ा सा शीशा लगा है, जिससे सूरज की रोशनी प्रतिबिंबित होकर गांव तक पहुंचती है। गांव में लगभग 200 लोग रहते हैं। उन्हें इस आर्टिफिशियल सूरज से करीब 6 घंटे रोशनी मिलती है। इस रोशनी की वजह से ही लोग सर्दियों में घर से बाहर निकलकर एक-दूसरे से मिलते और साथ बैठते हैं।

इस प्रोजेक्ट पर आया इतना खर्च

आपको बता दें, जिस विशाल शीशे से गांव तक सूरज की रोशनी पहुंचती है, उसका वजन 1.1 टन है। इसे कंप्यूटर की मदद से ऑपरेट किया जाता है। पियर फ्रांको मिडाली ने बताया था कि यह मैटीरियल 95 फीसदी सूर्य की रोशनी को परिवर्तित करता है। इस प्रोजेक्ट में 1 लाख यूरो का खर्च आया था।

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